DUSU Elections 2025: एनएसयूआई ने घोषित किया पैनल, 17 साल बाद महिला अध्यक्ष पद की उम्मीदवार
एनएसयूआई का दावा – नारे नहीं, छात्रों की समस्याओं का स्थायी समाधान देंगे

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नई दिल्ली। छात्र राजनीति में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक साहसी कदम उठाते हुए राष्ट्रीय छात्र संघ भारत (NSUI) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 के लिए अपना पैनल घोषित किया है। इस बार अध्यक्ष पद की उम्मीदवार जोश्लिन नंदिता चौधरी होंगी, जो 17 वर्षों बाद महिला नेतृत्व की ऐतिहासिक वापसी को दर्शाती हैं।
बदलाव की मांग पर केंद्रित अभियान
एनएसयूआई का चुनावी अभियान इस बार “बदलाव” की मांग पर केंद्रित है। संगठन का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में असली परिवर्तन तभी संभव है जब छात्रों की रोज़मर्रा की समस्याओं का समाधान किया जाए।
मुख्य मुद्दों में शामिल हैं –
- विश्वविद्यालय की बुनियादी संरचना की कमी
- असुरक्षित कैंपस और सुरक्षा की समस्या
- मासिक अवकाश की मांग
- सामाजिक न्याय और बराबरी की लड़ाई
- आरएसएस समर्थित अयोग्य शिक्षकों की नियुक्तियों का विरोध
एनएसयूआई ने वादा किया है कि वह छात्रों को केवल नारे नहीं बल्कि ठोस समाधान देगा।
एनएसयूआई उम्मीदवारों का परिचय
जोश्लिन नंदिता चौधरी (23 वर्ष)
- बौद्ध अध्ययन में परास्नातक, मूल निवासी – पल गाँव, जोधपुर, राजस्थान।
- 2019 से एनएसयूआई की सक्रिय सदस्य।
- महिला अधिकार, विश्वविद्यालय सुरक्षा और छात्र प्रतिनिधित्व के लिए निरंतर सक्रिय।
- डीयूएसयू में 17 साल बाद महिला नेतृत्व की ऐतिहासिक उम्मीदवारी।
राहुल झांसला (24 वर्ष)
- बौद्ध अध्ययन में परास्नातक।
- पिछले दो वर्षों से छात्र हितों के लिए संघर्षरत।
- विश्वविद्यालय और खेल संरचना, स्वच्छ छात्रावास व कक्षाएं, सुरक्षित पेयजल और महिला विकास प्रकोष्ठ की स्थापना की मांग को लेकर सक्रिय।
- पूर्वांचल और राजस्थान छात्र समुदाय में गहरी पकड़।
कबीर (24 वर्ष)
- विधि केन्द्र-II, नगली जलिब, जनकपुरी, दिल्ली से।
- क्रिकेट खिलाड़ी और छात्र कार्यकर्ता।
- खेल संरचना और समग्र छात्र विकास पर फोकस।
- सभी वर्गों के छात्रों के बीच लोकप्रिय।
लव कुश बधाना (19 वर्ष)
- स्नातक (ऑनर्स), जाकिर हुसैन महाविद्यालय, फरीदाबाद (हरियाणा)।
- भाजपा के अवैध ध्वस्तीकरण अभियान के खिलाफ आवाज उठाने के लिए चर्चित।
- गुरजर समुदाय सहित व्यापक छात्र वर्ग का समर्थन।
- छात्रों की दैनिक समस्याओं को मजबूती से उठाने के लिए जाने जाते हैं।
महिला नेतृत्व और प्रगतिशील दृष्टिकोण
एनएसयूआई का यह पैनल न केवल प्रगतिशील और समावेशी नेतृत्व को सामने रखता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में महिला आवाज़ें अब हाशिए पर नहीं रहेंगी। जोश्लिन की उम्मीदवारी छात्र राजनीति में महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण का प्रतीक मानी जा रही है।
एनएसयूआई का संदेश
एनएसयूआई का मानना है कि यह चुनाव केवल प्रतिनिधित्व की लड़ाई नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को पुनः स्थापित करने और छात्रों को वास्तविक बदलाव का एहसास कराने का अवसर है। संगठन को विश्वास है कि यह चुनाव हजारों युवा महिलाओं और पुरुषों को समानता, न्याय और प्रगतिशील बदलाव के लिए प्रेरित करेगा।