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बाल साहित्य पुरस्कार 2024: लखनऊ में साहित्य अकादमी द्वारा भव्य समारोह का आयोजन

बाल साहित्य बच्चों के संतुलित विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और बच्चों को समाज में अच्छे व्यवहार के लिए प्रेरित करता है -के. श्रीनिवासराव

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साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किए जाने वाले प्रतिष्ठित बाल साहित्य पुरस्कार 2024 का आयोजन 14 नवंबर 2024 को लखनऊ के भागीदारी भवन प्रेक्षागृह, गोमती नगर में किया गया। यह समारोह साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जहाँ मुख्य अतिथि लब्धप्रतिष्ठ विद्वान एवं साहित्यकार सूर्य प्रसाद दीक्षित ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। समारोह का समापन साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा द्वारा किया गया, जबकि स्वागत वक्तव्य सचिव के. श्रीनिवासराव ने प्रस्तुत किया।
     कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ, जिसके बाद अध्यक्ष माधव कौशिक ने मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ, पुस्तकें और शाल भेंट कर स्वागत किया। अपने स्वागत वक्तव्य में सचिव श्रीनिवासराव ने उल्लेख किया कि यह पहला अवसर है जब अकादमी का यह प्रतिष्ठित पुरस्कार लखनऊ में प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाल साहित्य बच्चों के संतुलित विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और बच्चों को समाज में अच्छे व्यवहार के लिए प्रेरित करता है।
    अध्यक्षीय वक्तव्य में माधव कौशिक ने बच्चों के लिए लेखन को श्रमसाध्य कार्य बताया और कहा कि बाल साहित्य में बच्चों की दृष्टि और उनकी मुस्कान को ध्यान में रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा, “पहले प्रमुख साहित्यकारों ने बाल साहित्य पर विपुल लेखन किया है, परंतु आज इसकी परंपरा में कमी देखी जा रही है।” अंत में उन्होंने अपनी कविता की पंक्तियाँ भी साझा कीं:
“बंद घरों के हर कमरे में जैसे रोशनदान रहे।  
वैसे ही हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान रहे।”
     मुख्य अतिथि सूर्य प्रसाद दीक्षित ने बाल साहित्य के इतिहास और परंपरा पर प्रकाश डाला और कहा कि इसे बच्चों की नई पीढ़ी के अनुकूल बनाना चाहिए। उन्होंने लखनऊ के मुंशी नवल किशोर प्रेस और अमृतलाल नागर के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि बाल साहित्य में बाल मनोविज्ञान का समावेश करना आवश्यक है।
     साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने समापन वक्तव्य में कहा कि बाल साहित्य बच्चों को जीवन की पाठशाला के लिए तैयार करता है और सजग नागरिक बनाता है।
इस वर्ष बाल साहित्य पुरस्कार 2024 पाने वाले साहित्यकार निम्नलिखित हैं:
– असमिया: रंजु हाजरिका
– बाङ्ला: दीपान्विता राय
– बोडो: भार्जिन जेक’भा मोसाहारी
– डोगरी: बिशन सिंह ‘दर्दी’
– अंग्रेज़ी: नंदिनी सेनगुप्ता
– गुजराती: गिरा पिनाकिन भट्ट
– हिंदी: देवंेद्र कुमार
– कन्नड: कृष्णमूर्ति बिळिगेरे
– कश्मीरी: मुज़फ़्फ़र हुसैन दिलबर
– कोंकणी: हर्षा सद्गुरू शेटये
– मैथिली: नारायणजी
– मलयाळम्: उन्नी अम्मायंबळम्
– मणिपुरी: क्षेत्रिमयुम सुवदनी
– मराठी: भारत सासणे
– नेपाली: वसंत थापा
– ओड़िआ: मानस रंजन सामल
– पंजाबी: कुलदीप सिंह दीप
– राजस्थानी: प्रहलाद सिंह ‘झोरड़ा’
– संस्कृत: हर्षदेव माधव
– संताली: दुगाई टुडु
– सिंधी: लाल होतचंदानी ‘लाचार’
– तमिऴ: युमा वासुकि
– तेलुगु: पामिदिमुक्कला चंद्रशेखर आज़ाद
– उर्दू: शम्सुल इस्लाम फ़ारूक़ी
    पुरस्कृत साहित्यकारों को ताम्रफलक और 50,000 रुपये की सम्मान राशि प्रदान की गई। हिंदी, उर्दू, और सिंधी के पुरस्कार विजेता खराब स्वास्थ्य के कारण समारोह में शामिल नहीं हो सके, जबकि अंग्रेजी पुरस्कार विजेता की ओर से उनके प्रतिनिधि ने पुरस्कार ग्रहण किया।
लेखक सम्मिलन और बाल साहिती कार्यक्रम
     15 नवंबर 2024 को सुबह 10 बजे निराला सभागार, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में पुरस्कृत साहित्यकारों के साथ ‘लेखक सम्मिलन’ आयोजित होगा, जिसमें वे अपने स्वीकृति वक्तव्य और अनुभव साझा करेंगे। इसके बाद दोपहर 2:30 बजे ‘बाल लेखन: अतीत, वर्तमान और भविष्य’ विषयक कार्यक्रम होगा, जहाँ विभिन्न भाषाओं के साहित्यकार बाल साहित्य पर चर्चा करेंगे और अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे।
-भूपिंदर सिंह
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