Sri Lanka Crisis: राष्ट्रपति Gotabaya ने देश छोड़ने से पहले PM को किया था फोन, भारत बोला- हम बुरे दौर में श्रीलंका के साथ
श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति आवास पर कब्जे से पहले राष्ट्रपति गोटबाया अचानक गायब हो गए। वह शुक्रवार को राष्ट्रपति आवास पर ईरान के राजदूत से मिले थे।

👆भाषा ऊपर से चेंज करें
Sri Lanka Crisis Update: श्रीलंका बीते 3 महीने से अपने सबसे गंभीर आर्थिक दौर का सामना कर रहा है। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) के देश छोड़कर भागने की खबरें आईं। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि Gotabaya ने राष्ट्रपति भवन छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे से चर्चा कर इस्तीफा देने की बात कही थी।
पड़ोसी देश में गंभीर संकट पर भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) बारीकी से नजर बनाए हुए है। MEA ने कहा- ”हम उन चुनौतियों से बाकिफ हैं जिनका श्रीलंका और उसके लोग सामना कर रहे हैं। हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं, उन्हें कठिन दौर से निकालने की कोशिश में मदद कर रहे हैं। भारत ने श्रीलंका की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की मदद दी है।” ALSO READ: डॉलर के मुकाबले रुपया ऑल टाइम लो पर, जानिए इसके 3 बड़े फैक्टर
नई सरकार गठन की कवायद तेज
Gotabaya राजपक्षे ने 13 जुलाई को सशर्त इस्तीफा देने का ऐलान किया है। वह 8 जुलाई के बाद कोलंबो में नजर नहीं आए। अभी कहां हैं इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। उधर, श्रीलंका में नई सरकार बनाने के लिए विपक्षी दलों ने तैयारी शुरू की। मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (SJB) और उसके सहयोगी दल सर्वदलीय सरकार गठन के लिए जल्द स्पेशल पार्टी मीटिंग बुला सकते हैं।

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन में की सफाई
प्रदर्शनकारियों ने सोमवार सुबह राष्ट्रपति भवन के ग्राउंड में जमा कचरा साफ कर अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया। प्रदर्शनकारियों ने कचरा जमा कर उसे थैलियों में भरा। दूसरी ओर, सेना प्रमुख शैवेंद्र सिल्वा ने लोगों से सुरक्षा बलों और पुलिस का सहयोग करने की अपील की है, ताकि देश में फिर से शांति स्थापित की जा सके।





