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राजनीतिक दंगल: हिमाचल में Congress के 6 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया

हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी

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हिमाचल प्रदेश में सियासी पारा इन दिनों अपने पूरे चरम पर है। वहीं आज यानी 29 फरवरी को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी के 6 बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के बाद से इन विधायकों की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। इन 6 कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ यह फैसला पार्टी द्वारा जारी किए गए व्हिप को ना मानने की वजह से लिया गया है।
     सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन सभी विधायकों को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनमें विधायक सुधीर शर्मा, विधायक राजेंद्र राणा, विधायक देवेंद्र भुट्टो, विधायक इंद्र लखन पाल, विधायक रवि ठाकुर और विधायक चैतन्य शर्मा शामिल हैं।
     हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने छह विधायकों को अयोग्य घोषित करने के अपने फैसले के बाद कहा कि कल सदन में वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए पार्टी ने व्हिप जारी किया था इसके बावजूद इन विधायकों ने पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया था इसी वजह से इन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। खास बात ये है कि हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा भारतीय जनता पार्टी के 15 विधायकों जिसमें नेता प्रतिपक्ष समेत उनको निलंबित कर दिया। जिसके बाद सदन में राज्य का बजट पास करा लिया गया।
     हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए हुए चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद से ही हिमाचल प्रदेश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन के लिए क्रॉस वोटिंग की थी। इसके से ही बाद हिमाचल सरकार पर खतरा मंडराने लगा था।
     हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि जिन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की, वो भी हमारे संपर्क में हैं। बीजेपी हमारी पार्टी को तोड़ना चाहती है, लेकिन कांग्रेस संगठित है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने आगे कहा कहा था कि कुछ विधायकों की राजनीतिक इच्छा थी। लेकिन उन्हें समझना होगा कि सभी विधायकों की राजनीतिक इच्छा पूरी नहीं की जा सकती। कुछ जगह प्रलोभन था। उसमें से एक विधायक ने तो बड़े दुखी मन से कहा कि बड़ी गलती हो गई। हमारी सरकार सेफ है। हम 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।
     हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। इसके बाद से प्रदेश सरकार पर खतरा बना हुआ था। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने वाले कांग्रेस के 6 बागी विधायकों पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
     कांग्रेस पार्टी के पर्यवेक्षक कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शिमला के सिसिल होटल में एक-एक विधायक से चर्चा की थी और हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने दिया अपना इस्तीफा भी वापस ले लिया था।
-ओम कुमार
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