विश्व भोजपुरी सम्मेलन 2025: संविधान में स्थान दिलाने को उठी हुंकार
World Bhojpuri Conference 2025: भोजपुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने का महासंग्राम, भाषा का सम्मान, संस्कृति का उत्सव

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-भूपिंदर सिंह
भोजपुरी, जो दुनिया भर के 16 देशों में करीब 25 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है, एक अत्यंत मधुर और समृद्ध भाषा है। इसके समृद्ध साहित्य और सांस्कृतिक विरासत ने इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। कई विश्वविद्यालयों में भोजपुरी पढ़ाई जा रही है, लेकिन आज भी यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भोजपुरी को अब तक उसका संवैधानिक अधिकार नहीं मिल सका है।
भोजपुरी को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल कराने और इसकी विशिष्टता को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से पूर्वांचल एकता मंच “विश्व भोजपुरी सम्मेलन 2025” का आयोजन कर रहा है। यह भव्य आयोजन 12 और 13 अप्रैल, 2025 (शनिवार व रविवार) को दिल्ली के द्वारका स्थित दादा देव मेला ग्राउंड, सेक्टर-8 में सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक आयोजित होगा।
सम्मेलन की विशेषताएं:
पूर्वांचल एकता मंच के अध्यक्ष शिवजी सिंह ने बताया कि भारत सरकार की ‘सीताकांत महापात्रा कमेटी’ ने भी भोजपुरी को संविधान में स्थान देने की संस्तुति की थी। बावजूद इसके, केंद्र सरकार की हाई लेवल कमेटी ने इसे आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं करने की सिफारिश की है। अब वक्त आ गया है कि करोड़ों भोजपुरी भाषी अपने अधिकार के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ें।
कार्यक्रम के राष्ट्रीय संयोजक मुकेश सिंह ने जानकारी दी कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, अश्विनी चौबे, वीरेंद्र सिंह मस्त सहित कई सांसद और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में होगा।
पहला दिन (12 अप्रैल 2025):
- साहित्यिक गोष्ठी, कवि सम्मेलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
- सुप्रसिद्ध कलाकार दिनेश लाल यादव, मुन्ना सिंह और कल्पना पटवारी अपने कला का जादू बिखेरेंगे।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम में सांसद श्री मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी और कैबिनेट मंत्री डॉ. पंकज सिंह रहेंगे विशेष अतिथि।
दूसरा दिन (13 अप्रैल 2025):
- उद्घाटन दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, कैबिनेट मंत्री श्री कपिल मिश्रा और सांसद श्रीमती हेमा मालिनी करेंगी।
- पारंपरिक चैता और भोजपुरी सिनेमा के सम्मान समारोह का आयोजन।
- भोजपुरी सुपरस्टार श्री कुणाल सिंह, श्री रवि किशन और श्री दिनेश लाल यादव (निरहुआ) द्वारा विशेष सम्मान।
यह सम्मेलन न केवल भोजपुरी भाषा के संवैधानिक अधिकार की मांग को बुलंद करेगा, बल्कि भोजपुरी साहित्य, संस्कृति, संगीत और सिनेमा की महिमा को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगा।
आइए, इस ऐतिहासिक आंदोलन का हिस्सा बनें और भोजपुरी को उसका हक दिलाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें!
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