SCI Day 2025: स्पाइनल इंजरी सर्वाइवर्स की हिम्मत और उम्मीद का सम्मान बना यह आयोजन
राष्ट्रीय स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे और नेशनल इंजरी प्रिवेंशन वीक 2025: 14 राष्ट्रीय सोसाइटियाँ और विशेषज्ञ देशभर में आयोजित कर रहे जागरूकता कार्यक्रम

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नई दिल्ली।
सितम्बर का पहला सप्ताह इस बार खास बन गया। कारण था नेशनल सेंटर फॉर डिजीज़ कंट्रोल (एनसीडीसी) ऑडिटोरियम में आयोजित वह आयोजन, जिसने न केवल लोगों को सोचने पर मजबूर किया बल्कि पूरे समाज को यह संदेश भी दिया कि “रोकथाम इलाज से बेहतर है।” स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे और नेशनल इंजरी प्रिवेंशन वीक 2025 (1-7 सितम्बर) के पांचवें संस्करण की शुरुआत रविवार को बड़े ही प्रेरणादायक माहौल में हुई।
इस अवसर पर व्हीलचेयर खेल प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और समावेशी स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 100 से अधिक व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं और लगभग 500 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
आयोजन के पीछे की सोच
रीढ़ की हड्डी की चोट (Spinal Cord Injury – SCI) केवल एक चिकित्सीय स्थिति नहीं है, बल्कि यह जीवन की दिशा ही बदल देती है। दुर्घटना का एक क्षण किसी व्यक्ति की पूरी ज़िंदगी को प्रभावित कर सकता है। इसीलिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने मिलकर इस सप्ताहभर के जागरूकता अभियान की रूपरेखा तैयार की, ताकि आम जनता को बताया जा सके कि दुर्घटनाओं और चोटों को रोका जा सकता है, बशर्ते हम सतर्क और जिम्मेदार रहें।
राष्ट्रीय संगठनों का संयुक्त प्रयास
इस पहल की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें केवल एक या दो नहीं, बल्कि दर्जनों राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संस्थाएँ एकजुट होकर काम कर रही हैं। स्पाइनल कॉर्ड सोसाइटी (SCS), स्पाइन वेलनेस एंड केयर फाउंडेशन (SWCF), एसोसिएशन ऑफ स्पाइन सर्जन्स ऑफ इंडिया (ASSI) और श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट तो इस आयोजन के प्रमुख स्तंभ रहे ही, साथ ही इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन, इंडियन हेड इंजरी फाउंडेशन, इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी, अमर सेवा संगम, चंडीगढ़ स्पाइन रिहैब, नीना फाउंडेशन और द स्पाइनल फाउंडेशन (TSF) जैसे कई नामी संगठन भी देशभर में जागरूकता गतिविधियों का हिस्सा बने।
इस सामूहिक प्रयास ने यह साबित कर दिया कि जब चिकित्सा जगत, पुनर्वास विशेषज्ञ, सामाजिक संस्थाएँ और स्वयं स्पाइनल इंजरी से जूझ चुके लोग एक मंच पर आते हैं, तो जागरूकता का संदेश दूर तक और गहराई से पहुँचता है।
कार्यक्रम की झलकियाँ
उद्घाटन दिवस का कार्यक्रम बेहद ऊर्जावान रहा। सुबह 10 बजे से समावेशी स्वास्थ्य जांच शिविर शुरू हुआ, जिसमें सामान्य चेकअप से लेकर विशेष स्पाइनल हेल्थ काउंसलिंग तक की सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं।
इसके बाद दोपहर में खेलों की बारी आई, जिसमें व्हीलचेयर टेबल टेनिस, बोच्चिया, रेसिंग और हर्डल्स जैसी प्रतियोगिताएँ आयोजित हुईं। इन खेलों ने यह दिखा दिया कि शारीरिक चुनौतियाँ किसी भी व्यक्ति की प्रतिभा और जुनून को रोक नहीं सकतीं।
शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम ने समूचे माहौल को भावनात्मक और प्रेरणादायक बना दिया।
व्हीलचेयर डांस और पेशेवर स्टंट प्रदर्शन ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। दर्शकों ने न केवल तालियाँ बजाईं बल्कि यह भी महसूस किया कि स्पाइनल इंजरी से पीड़ित लोगों के भीतर कितनी अदम्य इच्छाशक्ति और कला छिपी है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़ सकें।
विशेषज्ञों की सीख और प्रेरणा
कार्यक्रम में कई प्रमुख हस्तियाँ मौजूद रहीं। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के डॉ. कृष्ण कुमार ने अपने संबोधन में चोटों की रोकथाम और पुनर्वास की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को सड़क सुरक्षा, खेलों में सावधानी और कार्यस्थल पर सतर्कता के महत्व को समझना होगा।
वहीं डॉ. हरविंदर सिंह छाबड़ा, जो स्पाइनल कॉर्ड सोसाइटी के अध्यक्ष और श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में स्पाइन एवं रिहैबिलिटेशन सेंटर के निदेशक हैं, ने कहा –
“स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे उन योद्धाओं का सम्मान है जो चुनौतियों के बावजूद हार नहीं मानते। यह आयोजन हमें यह याद दिलाता है कि रोकथाम ही सबसे अच्छा उपचार है। हमारी कोशिश है कि शिक्षा, अनुसंधान और सहयोग के माध्यम से हर प्रभावित व्यक्ति को गरिमा और अवसर मिले।”
उनका यह संदेश न केवल उपस्थित लोगों के लिए बल्कि उन हजारों स्पाइनल इंजरी सर्वाइवर्स के लिए भी प्रेरणादायक था जो अपने जीवन में हर दिन संघर्ष कर रहे हैं।
सड़क सुरक्षा पर चेतावनी
सड़क दुर्घटनाएँ आज भी स्पाइनल कॉर्ड इंजरी का सबसे बड़ा कारण हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की 2021 की रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला तथ्य सामने रखा – केवल सीट बेल्ट नहीं पहनने की वजह से 16,397 लोगों की मौत हुई, जिनमें 8,438 चालक और 7,959 यात्री शामिल थे। यह आँकड़ा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि यदि थोड़ी सी सतर्कता बरती जाए तो कितनी ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं।
सप्ताहभर की गतिविधियाँ
इस अभियान की खासियत है कि यह केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि पूरा सप्ताह समर्पित है जागरूकता और पुनर्वास को। नुक्कड़ नाटक से लेकर व्हीलचेयर रैली तक, वेबिनार से लेकर पैनल चर्चाओं तक, हर आयोजन का उद्देश्य है – लोगों को जागरूक करना और प्रभावित लोगों को एक नया आत्मविश्वास देना।
देशभर की 14 राष्ट्रीय स्पाइन केयर सोसाइटीज़ और विशेषज्ञों द्वारा पूरे सप्ताह विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं –
- 1 सितम्बर : नुक्कड़ नाटक
- 2 सितम्बर : Power of the Mind विषय पर वेबिनार
- 3 सितम्बर : श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे कार्यक्रम, जिसमें जागरूकता वार्ता, समावेशी नृत्य और व्हीलचेयर गतिविधियाँ होंगी
- 4 सितम्बर : चोट निवारण पर राष्ट्रीय पैनल चर्चा
- 5 सितम्बर : पश्चिम विहार में व्हीलचेयर रैली (100+ व्हीलचेयर उपयोगकर्ता, 200 प्रतिभागी)
- 6 सितम्बर : ऑनलाइन ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति
- 7 सितम्बर : समापन कार्यक्रम
नेशनल इंजरी प्रिवेंशन वीक 2025 केवल एक आयोजन नहीं बल्कि एक आंदोलन है। यह आंदोलन हमें याद दिलाता है कि स्पाइनल इंजरी जैसी कठिन परिस्थितियों में भी इंसान हिम्मत और साहस से आगे बढ़ सकता है। यह आंदोलन यह भी सिखाता है कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि सड़क पर, कार्यस्थल पर या घर में – हर जगह सावधानी बरतें और दुर्घटनाओं को रोकने में योगदान दें।
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे 2025 इस बात का प्रतीक है कि समाज जब मिलकर काम करता है तो बदलाव निश्चित होता है। यह सिर्फ एक चिकित्सा या पुनर्वास का मुद्दा नहीं है, बल्कि मानवता, सहयोग और उम्मीद की कहानी है।

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