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BJP का आरोप, केजरीवाल ने कोर्ट के दबाव में पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा की

दिल्ली भाजपा एवं उसके पुजारी प्रकोष्ठ के लगभग 2 साल से अधिक से चल रहे आंदोलन के दबाव के चलते अरविंद केजरीवाल को पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा करनी पड़ी है -वीरेंद्र सचदेवा

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-ओम कुमार
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के पुजारियों और ग्रंथियों के लिए एक सम्मान योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपए प्रति महीना दिया जाएगा। अब बीजेपी ने इस योजना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की कोर्ट के डर से केजरीवाल ने इसकी घोषणा की है।
     दिल्ली बीजेपी के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी के द्वारा पुजारियों और ग्रंथियों के योजना की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “आज दिल्ली भाजपा एवं उसके पुजारी प्रकोष्ठ के लगभग 2 साल से अधिक से चल रहे आंदोलन के दबाव के चलते अरविंद केजरीवाल को पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा करनी पड़ी है। दिल्ली हाई कोर्ट में लगी एक याचिका के चलते केजरीवाल जानते थे की उनको मौलवियों का वेतन भत्ता बंद करना पड़ेगा, तो केजरीवाल ने कोर्ट को गुमराह करने के लिए यह पुजारी ग्रंथी योजना घोषित की है।”
     बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आगे बोलते हुए कहा कि “दिल्ली की महिलाएं हों,  पुजारी एवं ग्रंथी हों सबके पास आज अरविंद से एक सवाल है की क्या आपकी पंजाब की सरकार ऐसा कोई वेतन भत्ता दे रही है। अरविंद केजरीवाल अब जितनी भी घोषणाएं कर लें दिल्ली वाले उनका यकिन नही करने वाले। महिला सम्मान छलावे के बाद अब केजरीवाल ने पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा की है।”
     वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि “आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल अब एक हारे हताश सुल्तान हैं। जो आवाज़ लगा लगा रोज नई लोक लुभावनी घोषणाएं कर रहे हैं ताकि किसी तरह सत्ता में बने रह सकें। अरविंद केजरीवाल दिल्ली में जहां भी जाते हैं लोग उनसे दिल्ली के ठप्प विकास पर, शीशमहल के निर्माण पर, एक पर एक बाटी शराब बोतलों पर तो सवाल पूछते ही हैं साथ में उन 62 मौतों पर भी जवाब मांगते हैं। जो इस वर्ष मानसून में जलजमाव में डूबने और बिजली के करंट लगने से हुईं, ऐसे में बेबस अरविंद केजरीवाल अब सपनों के सौदागर बन कर फिर से आम आदमी को ठगना चाह रहे हैं।”
     वीरेंद्र सचदेवा ने आगे कहा है कि “अरविंद केजरीवाल दिल्ली में मौलवियों को वेतन भत्ता देते रहे हैं और भाजपा के विरोध एवं दिल्ली हाई कोर्ट में अधिवक्ता सुश्री रूकमणी सिंह की एक याचिका के चलते वह समझ रहे थे की उनको मौलवियों का वेतन भत्ता बंद करना पड़ेगा, तो केजरीवाल ने कोर्ट को गुमराह करने के लिए यह योजना घोषित की है।”
     दिल्ली हाई कोर्ट में अधिवक्ता सुश्री रूकमणी सिंह कहा कि “केजरीवाल सरकार ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि उसने 1100 से अधिक मौलवी एवं उनके सहायकों को 58 करोड़ रुपए से अधिक वेतन भत्ते में दिए हैं और कोर्ट मे॔ धर्म आधार पर हो रहे इस बंदर बाट पर जवाब देते नही बन रहा और 21 जनवरी की उन्हे कोर्ट में लिखित जवाब देना है और यह घोषणा उसी से जुड़ी है।”

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