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जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर बिरला मंदिर रौशनी से जगमगा उठा
बिड़ला मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

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दिल्ली के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक यह मंदिर देवी लक्ष्मी और नारायण को समर्पित है। इसके अलावा इस मंदिर के चारों ओर भगवान कृष्ण, शिव, गणेश, हनुमान और बुद्ध को समर्पित छोटे मंदिर भी हैं। यहां देवी दुर्गा, शक्ति की देवी, को समर्पित एक मंदिर भी है। बिड़ला मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

जन्माष्टमी और दिवाली के अवसर पर देवी लक्ष्मी और भगवान नारायण के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं। खास तौर पर जन्माष्टमी पर मंदिर पर की गई रोशनी (Light) देखने लायक होती है वैसे आम दिनों में भी यह दिल्ली (Delhi) के बेहतरीन आकर्षण में से एक है, त्योहार के अलावा भी यहां पर लोग मंदिर में दर्शन और इन खूबसूरत मूर्तियों को देखने भारी संख्या में आते हैं।

मंदिर दिल्ली के गोल मार्केट के पास मंदिर मार्ग पर स्थित है। उद्योगपति जी. डी. बिरला द्वारा मंदिर सन् 1939 में बनवाया गया था। तीन मंजिला बना हुआ यह मंदिर वास्तुकला (architecture) के नागारा शैली में बनाया गया है। बनारस के लगभग 100 कुशल कारीगरों द्वारा मंदिर की मूर्तियों की नक्काशी की गई थी। मंदिर की मूर्तियां जयपुर से लाए गए संगमरमर से बनाई गई थीं। मंदिर परिसर के निर्माण में मकराना, आगरा, कोटा और जैसलमेर का कोटा पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।





