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Aditya-L1: भारत का पहला सूर्य मिशन लॉन्च हुआ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूर्य मिशन आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे, वंही इस एतिहासिक पल और वैज्ञानिकों के हौंसला अफजाई के लिए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह इस दौरान मौजूद रहे

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को आज यानि शनिवार 2 सितंबर सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर भारत का पहला सूर्य मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया गया। अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ठीक 125 दिन बाद यह अपने पॉइंट एल1 तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद आदित्य-एल1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा।
     भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूर्य मिशन आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे,  वंही इस एतिहासिक पल और वैज्ञानिकों के हौंसला अफजाई के लिए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह इस दौरान मौजूद रहे।
     आदित्य-एल1 मिशन का कार्य सूर्य के ऊपरी वायुमंडल का अध्ययन करना होगा। इससे सूरज की बाहरी परत की जानकारियां जुटाई जाएंगी। आदित्य-एल1 एक सैटेलाइट है। जिसे 15 लाख किलोमीटर दूर भेजा गया है। सैटेलाइट को एल1 यानि लैग्रेंज प्वाइंट 1 में स्थापित करना है। बिना ग्रैविटी वाले क्षेत्र को ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ कहते हैं। इसी एल1 प्वाइंट पर आदित्य-एल1 सूर्य के चक्कर लगाएगा। क्योंकि एल1 प्वाइंट से सैटेलाइट पर सूर्य ग्रहण का भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।
     जहां इस उपग्रह को स्थापित किया जाएगा। वह गुरुत्वाकर्षण से बाहर का क्षेत्र होगा वहां उसे न सूरज अपनी तरफ खींचेंगा न पृथ्वी। भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल1 एक खिड़की की तरह सूरज के रहस्य को खोलेगा और उसी खिड़की से सूरज की जानकारियां हम तक पहुंचाएगा, लॉन्चिंग से लेकर ऑर्बिट इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया में तीन चरण होंगे।
     पहला चरण, PSLV रॉकेट की लॉन्चिंग थी। पोलर सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल यानि PSLV से सैटेलाइट लॉन्च किया गया। इसे पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाया जाएगा। दूसरा चरण होगा पृथ्वी के चारों ओर आदित्य-एल1 की ऑर्बिट को सिलसिलेवार बढ़ाना और सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकालना। तीसरा चरण होगा सूर्ययान को पृथ्वी के ग्रैविटी से बाहर निकालना। इसके बाद आखिरी पड़ाव यानी एल1 में सैटेलाइट स्थापित की जाएगी। आदित्य-एल1 का काम पृथ्वी से निकलकर लैग्रैंज प्वाइंट तक पहुंचना है और इस प्रक्रिया में 125 दिन यानी करीब 4 महीने का वक्त लगेगा।
     देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी।    उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखते हुए कहा कि “संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे “
     वंही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से कहा कि “देश को भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण पर गर्व और खुशी है। यह अमृत काल के दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र में पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.”
     वंही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण पर कहा कि “आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को अण्डाकार कक्षा में स्थापित किया गया है जो पीएसएलवी ने बहुत ही सटीक ढंग से किया है। मैं आज आदित्य-एल1 को सही कक्षा में स्थापित करने के लिए इस तरह के एक अलग मिशन दृष्टिकोण के लिए पीएसएलवी को बधाई देना चाहता हूं.”
     केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण पर कहा कि “यह भारत के लिए एक सुखद क्षण है। भारतीय वैज्ञानिक वर्षों से काम कर रहे थे, दिन-रात मेहनत कर रहे थे। आदित्य-एल1 का सफल प्रक्षेपण संपूर्ण विज्ञान और संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण का भी प्रमाण है जिसे हमने अपनी कार्य संस्कृति में अपनाने की कोशिश की है”
     आदित्य-एल1 के सफल लॉन्च पर आदित्य एल-1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर निगार शाजी ने कहा कि “ये एक सपने के सच होने जैसा है। मुझे बेहद खुशी है कि आदित्य-एल1 को PSLV द्वारा इंजेक्ट किया गया है। आदित्य-एल1 ने अपनी 125 दिनों की लंबी यात्रा शुरू कर दी है। मैं इस मिशन को संभव बनाने के लिए पूरी टीम को धन्यवाद देना चाहती हूं”
     आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के एनईसी सदस्य अभिषेक कृष्ण दुबे ने कहा कि “भारत और भारत वासियों के लिए चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद अब ये सूर्य मिशन आदित्य-एल1 की सफल लॉन्चिंग के गौरवशाली क्षण है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और भारत के वैज्ञानिकों की क्षमता के कारण स्पेस के यह मिशन सफलता की तरफ आगे बढ़ रहे हैं इस मिशन से भारत की शक्ति विश्व में और बढ़ेगी। मैं देश वासियों और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को बहुत बहुत बधाई देता हूं “
-ओम कुमार
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