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सुप्रसिद्ध अभिनेता सतीश कौशिक को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की ओर से भाव-भीनी श्रद्धांजलि
रंगकर्मी एवं फिल्म अभिनेता सतीश कौशिक के निधन से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में शोक की लहर

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राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक डॉ. रमेश चंद्र गौड़ ने बड़े ही भावुक मन से कहा कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD)के स्नातक (1975-78), रानावि रंगमंडल सदस्य (1978), रानावि पूर्व सोसाइटी सदस्य (2001-05), वरिष्ठ रंगकर्मी, सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता एवं सहृदयी व्यक्तित्व के धनी सतीश कौशिक जी के असामयिक निधन पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
सन् 1975 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में दाख़िला लेने से पहले, सतीश कौशिक ने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज(Kirori Mal College) में रंगकर्म की शुरुआत किया। वे 1978 में अभिनय में विशेषज्ञता के साथ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक हुए।
1978 से 1979 तक रानावि रंगमंडल के साथ ‘एपरेंटिस फेलो’ के रूप में जुड़े रहे। एनएसडी में अपने समय के दौरान उन्होंने ‘मेन विदाउट शैडोज़’, ‘नौटंकी लैला मजनूं’, ‘बिच्छू’, ‘दांतो’ज डेथ’, ‘भगवद्ज्जुकम्’ और ‘मुख्यमंत्री’ आदि नाटकों में अभिनय किया। बाद में वे मुंबई चले गए और शेखर कपूर के साथ 1983 की फिल्म ‘मासूम’ में उनके मुख्य सहायक निर्देशक के रूप में शामिल हो गए। धीरे धीरे वे फिल्मों में एक अभिनेता, निर्देशक, लेखक और निर्माता के रूप में काम करते रहे पर रंगमंच के लिए उनका प्यार कभी खत्म नहीं हुआ। उन्होंने थिएटर में भी अभिनय करना जारी रखा। नाटक ‘सेल्समैन रामलाल’ में शीर्षक भूमिका में उनके प्रदर्शन की सभी ने सराहना की। उन्होंने हाल तक इसमें अभिनय करना जारी रखा। वह 2001 से 2005 तक नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा सोसाइटी के सदस्य भी रहे।
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