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भारतीय संसद के लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल पारित
अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास साइन करने के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन करने के बाद इस महत्वपूर्ण बिल को स्वीकृति प्रदान हो जाएगी और ये कानून का रूप ले लेगी

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नए संसद भवन में जारी विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक यानि महिला आरक्षण बिल 2023 चर्चा के बाद पारित हो गया। इस महत्वपूर्ण बिल के समर्थन में 215 सांसदों ने वोट दिया और इस बिल के विरोध में किसी भी सांसद ने अपना मत नहीं दिया। वंही इस बिल में सांसदों ने 9 संशोधन पेश किए। संसद के उच्च सदन राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर ऑटोमेटेड मल्टीमीडिया डिवाइस से वोटिंग कराई गई लेकिन कुछ सांसदों का वोट रिकॉर्ड नहीं होने के कारण उन्होंने पर्ची के माध्यम से वोट दिया।
भारतीय संसद के दोनों सदनों यानि लोकसभा और राज्यसभा से महिला आरक्षण बिल पारित हो गया। अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास साइन करने के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन करने के बाद इस महत्वपूर्ण बिल को स्वीकृति प्रदान हो जाएगी और ये कानून का रूप ले लेगी।
महिला आरक्षण बिल के द्वारा लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण लागू किया जाएगा। लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी और ये आरक्षण 15 साल तक के लिए लागू रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि को आगे बढ़ा सकता है। ये महिला आरक्षण बिल वोट के माध्यम से चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों पर लागू होगा। इस बिल का लाभ राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों के सदस्यों को नही मिलेगा।

राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि “हमने बिल पर सार्थक चर्चा की है, भविष्य में इस चर्चा का एक-एक शब्द काम आने वाला है। हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है। नारी शक्ति को विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक से नहीं मिल रहा है। इस विधेयक के प्रति सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना। ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देगा।”
जानकारी के लिए बता दें कि ये बिल बुधवार को लोकसभा से पारित हो गया है।
-ओम कुमार