जाने किस देश ने दी GAY और BISEXUAL पुरुषों को रक्तदान करने की अनुमति ?
कनाडा में 1980 और 90 के दशकों के एचआईवी/एड्स संकट के बाद से गे और बाइसेक्सुअल पुरुषों द्वारा रक्तदान करने को प्रतिबंधित कर दिया गया था। गुरूवार 28 अप्रैल को इस प्रतिबंध को हटा लिया गया। यह बदलाव सितंबर से लागू होगा।
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कनाडा में गे(Gay) और बाइसेक्सुअल(Bisexual)पुरुषों को रक्तदान( blood donation) की अनुमति न देने की नीति को बदल दिया गया है।कई सालों से इस नीति को भेदभावपूर्ण बताया जा रहा था,लेकिन अब जाकर देश यह फैसला ले पाया है।कनाडा में 1980 और 90 के दशकों के एचआईवी/एड्स(HIV/AIDS)संकट के बाद से गे और बाइसेक्सुअल पुरुषों द्वारा रक्तदान करने को प्रतिबंधित कर दिया गया था। गुरूवार 28 अप्रैल को इस प्रतिबंध को हटा लिया गया। यह बदलाव सितंबर से लागू होगा। नई नीति के तहत रक्तदान करने वालों को उनके लिंग या लैंगिकता की जगह ज्यादा जोखिम वाले यौन आचरण के आधार पर जांचा जाएगा।
धीरे धीरे आया बदलाव स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा, “नई नीति के तहत, कैनेडियन ब्लड सर्विसेज यौन आचरण के आधार पर रक्तदान करने वालों की स्क्रीनिंग के लिए एक फॉर्म ले कर आएगी जो रक्त और प्लाज्मा(Plasma) दान करने वाले सभी लोगों के लिए होगा” बयान में कहा गया कि यह बदलाव “एक ज्यादा समावेशी रक्तदान प्रणाली की तरफ बढ़ने की दिशा में एक मील का पत्थर है” इससे पहले पिछले दस सालों में रक्तदान प्रणाली में कई बदलाव लाए गए जिनके तहत पुरानी नीति(policy) को धीरे धीरे बदला जा रहा था। पहले गे पुरुषों के लिए रक्तदान आजीवन प्रतिबंधित था लेकिन 2019 में बैन की अवधि को बदल कर तीन महीने कर दिया गया। लेकिन इसकी वजह से अगर रक्तदान के पहले किसी पुरुष ने किसी दूसरे पुरुष के साथ सेक्स किया हो तो उसे उस समय रक्तदान करने की अनुमति नहीं मिलती थी।
क्यों लगा था प्रतिबंध
कई सालों से एक्टिविस्टों(activist) का कहना था कि नीति भेदभावपूर्ण थी और विज्ञान(science) पर आधारित नहीं थी। हेल्थ कनाडा(Canada) ने एक शोध का हवाला दिया जिसके मुताबिक खून के सभी सैंपलों को जांचने के बाद खून की आपूर्ति से एचआईवी(HIV) संक्रमण होने की संभावना बहुत कम है।
इसे आंकड़ों में देखें तो दो करोड़ से भी ज्यादा सैंपलों में से एक के संक्रमित होने की संभावना है।इस शोध(research) में यह भी कहा गया कि हाल के सालों में कोई भी एचआईवी पॉजिटिव रक्तदान नहीं किया गया है। गे पुरुषों पर यह प्रतिबंध 1992 में तब लाया गया था जब हजारों लोगों को रक्त आधान दिए जाने के बाद उन्हें एचआईवी संक्रमण हो गया था। उस समय रक्तदान का प्रबंधन कैनेडियन रेड क्रॉस करता था और वो रक्तदान करने वालों की ठीक से जांच करने में असमर्थ रहा था। एक जन सुनवाई के मुताबिक कम से कम 8,000 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
कनाडा की ही तरह हाल ही में फ्रांस,स्पेन,इटली,इस्राएल और ब्रिटेन में भी रक्तदान पर इस तरह के प्रतिबंधों को ढीला किया गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो(Justin Trudeau) ने कनाडा में प्रतिबंध के हटाए जाने को “सभी कनाडा वासियों के लिए अच्छी खबर”बताया,लेकिन यह भी कहा कि इसमें बहुत समय लग गया। उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध का अंत 10 से 15 साल पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन पिछली सरकारों ने यह साबित करने के लिए कोई शोध कराया ही नहीं कि इससे रक्त की आपूर्ति की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ट्रूडो ने बताया कि उनकी सरकार ने 39 लाख अमेरिकी डॉलर खर्च कर यह शोध करवाया और तब जा कर यह कदम उठाया जा सका।