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कुलपति प्रो. वरखेड़ी को ‘विद्यानिधि’ सम्मान
यह सम्मान उन्हें सर्च इंजन फौर वेद के लिए दिया गया

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अवधूत दत्त पीठम् ,मैसूर के स्वामी गणपति सच्चिदानन्द जी के 80 वें जन्मोत्सव के अवसर पर 30 मई को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी को संस्कृत विद्या विशेष कर वेद के लिए सर्च इंजन (Search Engine for Vedas) बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देने के लिए उत्तर प्रदेश के महामहिम आनंदी बेन पटेल के कर कमलों द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही साथ इस भव्य समारोह में प्रह्लाद जोशी, मंत्री संसदीय एवं कोयला खनन मंत्री, भारत सरकार तथा मैसूर से माननीय सांसद प्रताप सिंहमा के साथ अनेक अनेक गणमान्य भी उपस्थित रहें ।
पुरस्कार साईटेशन से यह तथ्य स्पष्ट हुआ है कि कुलपति प्रो वरखेड़ी ने वहां जो सर्च इंजन के लिए मार्ग प्रशस्त किया था, उसके माध्यम से इस आश्रम में स्थापित वेद विश्वविद्यालय के उन्नयन में इसकी बड़ी ही महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। यह आश्रम गांव गांव जा कर भजन-कीर्तन तथा सामाजिक समरसता की बात करता है। साथ ही साथ इस आश्रम में दुर्लभ पक्षियों और वन्य जीवों को भी संरक्षित किया जाता है।

दस दिनों तक चलने वाले इस महत्त्वपूर्ण साहित्यिक-सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक उत्सव में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए कुलपति आचार्य वरखेड़ी को ‘विद्या निधि’ सम्मान दिया गया है जो संस्कृत परिवार के लिए बहुत ही गौरवास्पद की बात है। इसके अतिरिक्त हिन्दुस्तानी संगीत के जाने माने दिग्गजों को भी ‘संगीत नाद’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनमें ‘मैसूर ब्रदर्स’ (Mysore Brothers) (मंजू नाथ तथा नागराज, वायलिन) जिन्होंने मोहिनी, वैष्णवी तथा कात्यायणी जैसे लगभग 325 कर्णाटकी रागों का नवाचार किया है और रौक सांग के लिए भी योगदान दिया है।
महामहिम आनंदी बेन पटेल ने पुरस्कृत विद्वानों तथा विदुषियों को बधाई देते हुए कहा कि स्वामी जी के व्यक्तित्व का प्रभाव मेरे जीवन पर बहुत ज्यादा पड़ा है। केन्द्रीय मंत्री माननीय जोशी ने इस आश्रम के योगदानों को बताते हुए यह भी स्पष्ट किया कि धर्म के बराबर रिलीज कतई नहीं हो सकता है। स्वामी जी के आशीष वचन से समारोह का समापन हुआ।