BLOOD GROUP: सोने से भी ज्यादा बेशकीमती दुनिया का ये सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप, पढ़े पूरी खबर
दुनिया में हर इंसान की बॉडी में खून दौड़ता है,हर किसी की बॉडी में अलग-अलग ग्रुप का खून दौड़ रहा है। आपने कई तरह के ब्लड ग्रुप्स के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने किसी ऐसे ब्लड ग्रुप के बारे में सुना है जिसे दुनिया में सबसे दुर्लभ माना जाता है।

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इंसान को जिंदा रखने के लिए भगवान ने हमारी बॉडी में कई तरह के फंक्शन बनाएहैं। हर बॉडी पार्ट का इंसान को जिंदा रखने में अपना अलग योगदान है। ह्यूमन बॉडी में दौड़ते खून का इन जिंदगी में काफी बड़ा रोल है। खून की बात करें तो इंसानों में कई तरह के ब्लड ग्रुप्स पाए जाते हैं। इसमें A, B, AB, O+ और निगेटिव ग्रुप्स शामिल है। लेकिन एक ऐसा ब्लड ग्रुप है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं है। इसकी वजह है कि ये ग्रुप काफी कम लोगों में पाया जाता है और इसे दुर्लभ माना जाता है।
एक रिसर्च के मुताबिक,इंसान की बॉडी को ठीक तरीके से फंक्शन करने के लिए पांच लीटर खून की जरुरत होती है। अलग-अलग ब्लड ग्रुप्स के बीच आज हम जिस ब्लड ग्रुप की बात कर रहे हैं, वो काफी रेयर है। इसे गोल्डन ब्लड कहा जाता है। कहते हैं कि इस खून की एक बूंद की कीमत भी सोने से महंगी होती है। इसकी वजह इसकी दुर्लभता है। अभी तक ये ब्लड ग्रुप दुनिया में रहने वाले सिर्फ और सिर्फ 45 लोगों में पाई गई है। इस वजह से ये काफी कीमती है। आज हम आपको इस ब्लड ग्रुप के बारे में बताने जा रहे हैं।
दुर्लभता ने बनाया गोल्डन
गोल्डन ब्लड ग्रुप का नाम आरएच नल ब्लड है। ये काफी रेयर है,इस वजह से इसे गोल्डन ब्लड कहा जाता है। इसे किसी भी ग्रुप के इंसान को चढ़ाया जा सकता है। यानी अगर किसी का ब्लड ग्रुप ओ है, तो उसे भी गोल्डन ब्लड चढ़ाया जा सकता है। ये ग्रुप उसी शख्स की बॉडी में पाया जाता है जिनका Rh फैक्टर null होता है। अब आप सोच रहे होंगे कि Rh क्या होता है? ये रेड ब्लड सेल्स की सतह पर मौजूद एक तरह का प्रोटीन है। आम इंसान की बॉडी में ये Rh या तो पॉजिटव होता है या तो नेगेटिव। लेकिन जिसकी बॉडी में गोल्डन ब्लड होता है, उसकी बॉडी का Rh पॉजिटिव होता है ना निगेटिव।
कई तरह की परेशानी लाता है गोल्डन ब्लड
जिन लोगों की बॉडी में ये गोल्डन ब्लड होता है, उन्हें अनीमिया की शिकायत हो जाती है। ऐसे में उन्हें आयरन युक्त चीजों का अधिक सेवन करने को कहा जाता है। इनके ब्लड में एंटीजन नहीं होता। अभी तक ये दुर्लभ ब्लड सिर्फ दुनिया के 45 लोगों की बॉडी में मिला है। इस ब्लड ग्रुप के लोग कुछ कुछ समय में अपना खून ब्लड बैंक में जमा करते रहते हैं। लेकिन इसे किसी और को नहीं चढ़ाया जाता। ये खून फिर से उसी शख्स को चढ़ाया जाता है जब जरुरत पड़ती है।