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सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल मनीष सिसोदिया को अंतरिम जमानत नही दी
सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के उस समय के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफतार किया था। तभी से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं

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दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अंतरिम जमानत नहीं दी। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर 2023 को करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि वो याचिका खारिज नहीं कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और एस.वी.एन. भट्टी की बेंच ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी नेता मनीष सिसोदिया की प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई (CBI) के दोनों मामलो में जमानत पर सुनवाई की।
मनीष सिसोदिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में उनकी मेडिकल रिपोर्ट पढ़ कर सुनाई और उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया की पीठ में दर्द है और चलने-फिरने में असमर्थ हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मरीज इंडोर है या आउटडोर. मनु सिंघवी ने जवाब में कहा आउट डोर है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अंतरिम जमानत अर्जी खारिज नहीं कर रहे। ये बीमारी कंट्रोल करने से नियंत्रण में रहती है। उन्हें एम्स या अन्य बड़े अस्पतालों में ले जाने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि बीमारी और उसकी गंभीरता से हम इंकार नहीं कर रहे, लेकिन ये जमानत का आधार नहीं हो सकता।
जानकारी के लिए बता दें कि सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया की जमानत का विरोध किया और इसको लेकर हलफनामा भी दाखिल किया है। दाखिल हलफनामे के मुताबिक मनीष सिसोदिया भ्रष्टाचार के गंभीर मामले के आरोपी हैं। सिसोदिया को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। क्योंकि वह राजनीतिक रूप से काफी प्रभावशाली हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी की बीमारी कोई नई बात नहीं है, बल्कि उनका इलाज 23 साल से चल रहा है।
वंही सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि हम नियमित जमानत पर 4 सितंबर को सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि पत्नी का स्वास्थ्य इतना गंभीर नहीं है कि सिसोदिया को अंतरिम जमानत दी जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से कहा कि हम नियमित जमानत की सुनवाई के साथ-साथ अंतरिम जमानत पर भी विचार करेंगे, जब हम नियमित जमानत की सुनवाई करेंगे तो हम नीतिगत निर्णय, मनी ट्रेल, सबूतों के साथ छेड़छाड़ के बारे में विवरण जानना चाहेंगे। जब नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई होगी तो हम मनी ट्रेल की स्पष्ट स्थापना चाहते हैं। यह आपके हलफनामे से स्पष्ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई (CBI) को 2 हफ्तों के अंदर जबाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के उस समय के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफतार किया था। तभी से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। वंही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब नीति मामले में ही मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनसे तिहाड़ जेल में ही पूछताछ की थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को सीबीआई मामले में 30 मई 2023 को जमानत देने से इनकार कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि वह एक हाई प्रोफाइल व्यक्ति हैं और गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। इसके बाद हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले में भी मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके ऊपर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं।
-ओम कुमार





