Russian Invasion: सैटेलाइट तस्वीरें खोल रहीं पुतिन की पोल,अंतरिक्ष से हो रही रूस-यूक्रेन युद्ध की जासूसी
अंतरिक्ष में लगे कैमरे,युद्ध की गतिविधियों को रिकॉर्ड कर रहे हैं। साल 2021 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं(Researcher)ने पाया कि टोही(खुफिया) उपग्रह(satellite)रखने वाले देशों पर अन्य देशों की तुलना में हमले(Attack) की कम संभावना कम होती है।
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दुनिया के बड़े देशों के बीच जब युद्ध(War) या टकराव होता है तो नई-नई तकनीकों(technology)के इस्तेमाल की बात सामने आती है। ऐसी ही एक तकनीक है अंतरिक्ष(space) के जरिए जासूसी करना। इस तरह की जासूसी में आप युद्ध के मैदान की परिस्थितियों को कैमरे(Camera) की नजर से देखकर उसी के हिसाब से अपनी रणनीति बनाते हैं या फिर उनमें बदलाव कर सकते हैं। कहा जा सकता है कि कुछ ऐसा ही यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दौरान हुआ है।
साल 2021 में एक अध्ययन में शोधकर्ताओं(Researcher)ने पाया कि टोही(खुफिया) उपग्रह(satellite)रखने वाले देशों पर अन्य देशों की तुलना में हमले(Attack) की कम संभावना होती है।
सैटेलाइट(satellite) तस्वीरों की बढ़ी क्वालिटी
पिछले दो दशकों में उपग्रहो(satellite) की संख्या में काफी इजाफा हुआ है,उपग्रह के जरिये तस्वीरें(pictures) लेना अब आम बात हो गई है । किसी राष्ट्र के लिए रणनीतिक रूप से सतर्क होना बहुत कठिन हो जाता है जब कोई अन्य देश उस पर अंतरिक्ष से जासूसी कर रहा हो । Read More: पाकिस्तान(Pakistan) की कराची यूनिवर्सिटी में बम धमाका, 3 चीनी नागरिक समेत 4 लोगों की मौत
सैटेलाइट तस्वीरों से लग गई थी रूसी हमले की आशंका
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन(Putin) ने 2021 के अंत में गुपचुप तरीके से यूक्रेन और उसके आसपास रूसी सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी थी, जिसके बाद से इस बात को लेकर चिंता पैदा हो गई कि अब रूस का अगला कदम क्या होगा? हालांकि इस दौरान उपग्रह से ली गईं तस्वीरों से यह पता चल गया कि पुतिन(Putin)क्या करने वाले हैं। साथ ही पश्चिमी देशों की तरफ से यह भी कहा गया था कि रूस, यूक्रेन पर हमला करेगा।
सैटेलाइट जासूसी में पश्चिमी देश रुस से आगे
पुतिन(Putin) ने इसके बावजूद आक्रमण की संभावना को छिपाने की कोशिश नहीं की। इसके बजाय,रूसी अधिकारियों ने हमले की आशंका को भुनाया। हालांकि इससे पहले तक कई पर्यवेक्षकों का कहना था कि पुतिन नाटो(NATO) और पश्चिमी देशों पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। पश्चिमी देशों ने रूस के गुपचुप हमले की योजना को इस तकनीक के सहारे बेनकाब कर दिया।
रूसी टैंक जब पश्चिम की तरफ से यूक्रेन में घुसे तो उपग्रह से ली गईं तस्वीरों ने रूस की योजना को उजागर कर दिया और तभी से रूस पर प्रतिबंधों की शुरुआत होने लगी। इसके अलावा युद्ध शुरू होने से पहले ही रूस की दुनियाभर में निंदा शुरू हो गई। लिहाजा यह कहा जा सकता है कि उपग्रह से की जाने वाली जासूसी के मामले में पश्चिमी देशों ने रूस को पछाड़ दिया।