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G-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली रवाना हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का पहला विदेशी दौरा
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भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने और तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की पहली विदेश यात्रा होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 समिट में शामिल होने के लिए गुरुवार शाम को इटली (Italy) के लिए रवाना हो गए हैं। इटली में हो रही इस बैठक के लिए कई देशों के नेता और प्रमुख इटली पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी (Giorgia meloni) के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
भारत सरकार के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा था कि “जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी से पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक यह बैठक आयोजित हो रही है।
वंही इटली पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले शीर्ष नेताओं में शामिल हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी उनके देश पर रूसी आक्रमण पर एक सत्र में भाग लेने वाले हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की गुरुवार को इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और यूक्रेन के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जेक सुलिवन ने बुधवार को इटली जाने से पहले इस समझौते की घोषणा की। इटली जी-7 के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। 15 देश पहले ही यूक्रेन के साथ इसी तरह के सुरक्षा समझौते कर चुके हैं, जिनमें ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश शामिल हैं।
जी-7 (G7) में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। वर्तमान में इटली इसकी अध्यक्षता कर रहा है। जी-7 में शामिल देश वर्तमान में वैश्विक जीडीपी (GDP) का लगभग 45 प्रतिशत और दुनिया की 10 प्रतिशत से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। जी-7 को पहले जी-8 के नाम से जाना जाता था इसमें रूस भी शामिल था। हालांकि रूस के द्वारा क्रीमिया पर किए गए कब्जे के बाद रूस की सदस्यता खत्म हो गयी थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक प्रेस नोट जारी करते हुए उसमें लिखा कि “इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर, मैं 14 जून 2024 को जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलीया क्षेत्र की यात्रा कर रहा हूं।
मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली विदेश यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। मैं 2021 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी इटली यात्रा को गर्मजोशी से याद करता हूं। पिछले साल 2023 में प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक थीं। हम भारत-इटली के रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और भारत-प्रशांत और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन और आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच अधिक तालमेल लाने और उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा जो वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं।”
-ओम कुमार
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