दुनिया (International)

Abortion law in America:अमेरिका में गर्भपात कानून को लेकर मचा सियासी बवाल, जाने क्या है इसके पीछे का मकसद

अमेरिका (USA) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक प्रारूप मीडिया में ‘लीक’ हो गया जिसमें महिलाओं को गर्भपात के अधिकार (Right of Abortion) को खत्म करने की बात थी. बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट गर्भपात के अधिकार वाला चार दशक पुराने कानून को पलटने जा रहा है.

👆भाषा ऊपर से चेंज करें

अमेरिका (USA) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक प्रारूप मीडिया में ‘लीक’ हो गया जिसमें महिलाओं को गर्भपात के अधिकार (Right of Abortion) को खत्म करने की बात थी. बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट गर्भपात के अधिकार वाला चार दशक पुराने कानून को पलटने जा रहा है। इस कानून के तहत अभी अमेरिकी महिलाओं के पास अधिकार है कि वे गर्भपात करने या ना कराने का खुद फैसला ले सकती हैं. इस प्रारूप के लीक होने पर अमेरिकी में बवाल हो गया है। अमेरिका में गर्भपात एक बहुत संवेदनशील मुद्दा है। इस साल के अंत में होने वाला अमेरिकी संसद के चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन सकता है।

क्या है मामला

सोमवार को ही अमेरिका में यह खबर पोलिटिको में प्रकाशित हुई जिसके बाद से अमेरिका में इसकी खूब चर्चा है. इस खबर में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के उस मत का लीक हुआ प्रारूप प्रकाशित हुआ जिसमें चार दशक पुराने फैसले को पलटने की मकसद है. इस पुराने फैसले में महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए चुनाव का अधिकार मिला था. यह शीर्ष अदालत का फैसला नहीं है.

कानून पलटने की गुंजाइश

इस बारे में फैसला बाद में जून और जुलाई में आना है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस प्रारूप के पक्ष में नौ में से पांच न्यायाधीशों का समर्थन हासिल है. जिससे लग रहा है कि यह कानून पलट जाएगा। इससे पूरे अमेरिका में गर्भपात पर प्रतिबंध लग जाएगा। इस खबर से अमेरकी राजनीति में बवाल हो गया है। इस विवाद में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टी कूद पड़ी हैं.

क्या हो सकता है मकसद

यह पहली बार है कि अमेरिका में किसी होने वाले निर्णय को लेकर न्यायाधीशों के मत इस तरह से लीक हुए है। इससे अमेरिकी न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठ सकते हैं,उसकी विश्वसनीयता खतरे में आ सकती है। इसके अलावा यह जानना का भी प्रयास किया जाएगा कि आखिर यह लीक कैसे हो गया और इसे लीक करवाने वालों का इसके पीछे मकसद क्या था।

मुद्दे की कितनी अहमियत

अमेरिका में गर्भपात एक संवेदनशील मुद्दा है। महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिया जाए या नहीं इसमें धार्मिक कारक (religious factor)भी शामिल हैं और यह अमेरिकी राजनीति में एक बड़ा मुद्दा होने वाला है क्योंकि इसी साल नवंबर में कॉन्ग्रेस(UNITED STATES CONGRESS) की सभी सीटों और सीनेट की सौ में से 25 सीटों पर चुनाव होना है। अभी से ही यह निश्चित माना जा रहा है कि माहौल पूरी तरह राष्ट्रपति जो बाइडेन के एकतरफा पक्ष में नहीं है और डेमोक्रेट और रिपब्लिकन्स के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.

चुनावों पर कितना असर

अमेरीकी राजनैतिक विद्वानों का कहना है कि यह मुद्दा इतना अहम है कि केवल गर्भपात के आधार पर ही अमेरिकी चुनाव में हार जीत का फैसला हो सकता है। इस मुद्दे को भारत के राम मंदिर के जैसे संवेदनशील मुद्दा माना जा रहा है। गर्भपात का मुद्दा अमेरिकी कंजरवेटिव्स और लिबर्स को दो स्पष्ट भागों में बांट देता है।

क्या है दोनों के मत

कंजरवेटिव कैथोलिक चर्च की सीख याद दिलाते हैं जिसमें कहा गया है कि इंसानों के जीवन का शुरू से ही हर हाल में सम्मान करना चाहिए और उसकी रक्षा करनी चाहिए। वहीं लिबरल्स चुनाव के अधिकार,मेरा शरीर मेरा अधिकार जैसे मूल्यों की पैरवी करते हैं। उनके मुताबिक यह मरीज और डॉक्टर के बीच का विषय होना चाहिए।

अमेरिका में गर्भपात हमेशा ही रिपब्लिकन्स (कंजरवेटिव) और डेमोक्रेट्स (लिबरल्स) के बीच विवाद का मुद्दा रहा है. यह विवाद 1973 में सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था, जिसे रो बनाम वेड के मुकदमें के नाम से भी जाना जाता है। इसके फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिका के संविधान का हवाला देते हुए कहा था कि वह महिलाओं के गर्भपात के चुनाव के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

Tags

Related Articles

Back to top button
Close