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मधुबाला की बहन पर बहू का सितम:96 साल की कनीज बलसारा को घर से निकाला, बिना पैसे दिए ही प्लेन में बैठाकर ऑकलैंड से भेजा मुंबई

बहू नहीं देती थी खाना बेटा लाता था बाहर से खाना, पोती का भी था बूरा व्यहवार

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दिवंगत एक्ट्रेस मधुबाला की बहन कनीज बलसारा को उनकी बहू समीना ने घर से निकाल दिया है। इतना ही नहीं, 96 साल की कनीज को उनकी बहू ने बिना पैसे के ऑकलैंड से मुंबई की फ्लाइट में बैठा दिया। इस बात की जानकारी कनीज की बेटी परवीज को भी नहीं थी। गोैरतलब है कि कनीज के इंडिया आने की जानकारी परवीज को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने दी थी।

समीना को नहीं पसंद अपने सास-ससुर

परवीज की मीडिया से हुई बातचीत के मुताबिक कनीज  17-18 साल पहले न्यूजीलैंड गईं थीं। वह अपने बेटे फारुख से बहुत प्यार करती थीं और उनके बिना नहीं रह पाती थीं। भाई भी मां और पापा से प्यार करते थे, इसीलिए वह उन्हें अपने साथ लेकर गए थे।कनीज के बेटे न्यूजीलैंड के करेक्शन डिपार्टमेंट में काम करते थे और एक इज्जतदार आदमी थे, लेकिन बहू पेरेंट्स को पसंद नहीं करती हैं। बेटी को अपने मां के आाने के बाद पता चला कि भाई का इंतकाल हो गया है। भाई के जाने के बाद भाभी का बर्ताव और बुरा हो गया। read more- http://dainikindia24x7.com/padma-awards-2022-cds-bipin-rawat-kalyan-singh-posthumously-padma-vibhushan-lets-know-and-who-got-padma-award-2022/

पोती भी करती थी कनीज से बुरा व्यवहार

परवीज ने आगे बताया, ‘समीना कभी भी मम्मी पापा के लिए खाना नहीं बनाती थीं। भाई उनके लिए खाना रेस्टोरेंट से लाया करते थे। समीना की बेटी, जिसकी आस्ट्रेलिया में शादी हो गई है, वह भी मम्मी से बुरा व्यवहार करती थी। जब समीना ने मम्मी को घर से निकालकर जबरदस्ती फ्लाइट में बैठाया था, उस समय वह भी एयरपोर्ट पर मौजूद थी।’

पिछले 5 साल से इंडिया नहीं आई थीं 

परवीज ने बताया- ‘मैं अक्सर न्यूजीलैंड जाती हूं, कभी-कभी तो साल में दो बार भी जाना हुआ है। मां भी यहां दो बार आया करती थीं, लेकिन पिछले 5 साल से वह नहीं आई थीं, क्योंकि मेरे भाई का कहना था कि इस उम्र में ऐसे उनका आना सेफ नहीं है। ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेवल में कम-ज्यादा होता रहता है, जो मां की सेहत के लिए अच्छा नहीं है।’

RT-PCR के लिए भी नहीं थे पैसे

परवीज ने रोते हुए कहा, ‘फ्लाइट लैंड होने के बाद मुझे एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से फोन आया और उन्होंने बताया कि आपकी मां के पास RT-PCR की जांच के लिए पैसे नहीं हैं। इसके बाद मैंने उन्हें पैसे भेजे, तब उनका RT-PCR हुआ। इसके बाद उन्होंने मुझसे आकर पहले यही कहा कि बेटा तुम्हें पता है कि फारुख मर गया? मैं उसको कब्र में डालकर आई हूं और मैं बहुत भूखी हूं, क्या मुझे कुछ खाने को मिल सकता है?’ इसके बाद मैं अपनी मां को घर लाई, उसे खाना खिलाया। भगवान का शुक्र है, कम से कम मां अब सुरक्षित हैं।’

 

 

 

 

 

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