JIO समुद्री केबल के जरिए सीधे भारत से जुड़ेगे मालदीव, सिंगापुर और थाईलैंड
जियो और ओशन कनेक्ट के सहयोग से IAX केबल मालदीव को कनेक्ट करेगी, 200 टेराबाइट से अधिक की होगी क्षमता
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मुंबई. रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड (JIO) अगली पीढ़ी का मल्टी-टेराबिट इंडिया-एशिया-एक्सप्रेस (आईएएक्स) अंडरसी केबल सिस्टम मालदीव के हुलहुमले को कनेक्ट करेगा। उच्च क्षमता और हाई स्पीड वाला आईएक्स सिस्टम हुलहुमाले को सीधे भारत और सिंगापुर से जोड़ देगा। IAX के 2023 के अंत में सेवा के लिए तैयार होने की उम्मीद है, जबकि IEX 2024 के मध्य में सेवा के लिए तैयार हो जाएगा।
मालदीव के पहले अंतरराष्ट्रीय केबल के लॉन्च के मौके पर मालदीव के आर्थिक विकास मंत्री, उज़ फ़य्याज़ इस्माइल ने कहा, “यह हमारे कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और सुरक्षित, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करने की दिशा में पहला कदम है यह हमारे लोगों के लिए विशाल अवसर प्रदान करेगा। हमारा लक्ष्य अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाना और खुद को दक्षिण एशिया में एक प्रमुख संचार केंद्र के रूप में स्थापित करना है। आर्थिक विकास के अलावा, यह पूरे मालदीव में हाई-स्पीड इंटरनेट एक्सेस के माध्यम से सामाजिक विकास को गति देगा, जिससे हमें वह समान विकास प्राप्त करने में मदद मिलेगी जो हम चाहते हैं।”
रिलायंस जियो के अध्यक्ष मैथ्यू ओमन ने मालदीव सरकार और जियो के साथ काम करने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा “आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था बेहतर ब्रॉडबैंड के दम पर चलती है, जो लोगों, व्यवसायों, सामग्री और सेवाओं को जोड़ती है। IAX न केवल मालदीव को दुनिया के कंटेंट हब से जोड़ेगा, बल्कि यह मालदीव सरकार द्वारा शुरू की जा रही कई नई पहलों से उपजी डेटा उच्च मांग को भी सपोर्ट करेगा।”
सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड भी जुड़ेगे
IAX सिस्टम पश्चिम में मुंबई से निकल कर भारत को सीधे सिंगापुर से जोड़ेगा साथ ही मलेशिया और थाईलैंड को भी कनेक्ट करेगा। भारत-यूरोप-एक्सप्रेस (आईईएक्स) सिस्टम मुंबई को मिलान, ईटली से जोड़ेगी और मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और भूमध्य सागर को भी कनेक्ट करेगी। IAX के 2023 के अंत में सेवा के लिए तैयार होने की उम्मीद है, जबकि IEX 2024 के मध्य में सेवा के लिए तैयार हो जाएगा।
ये हाई कैपेसिटी और हाई स्पीड वाले सिस्टम 16,000 किलोमीटर से अधिक, 100Gb/s की गति पर 200Tb/s से अधिक क्षमता प्रदान करेंगे। IEX और IAX मिलकर दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहद मजबूत बना देंगे, दूरसंचार क्षेत्र में यह दशक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव होगा।