आशा की किरण बनकर आई “आशाएं”
कंबल के रूप में मिल रही “जिंदगी”

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दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में मौसम का मिजाज कुछ बिगड़ा हुआ है। ठंड का कहर जारी है। और हल्की बारिश भी रुक-रुक कर हो रही है। आने वाले दिन अभी सर्द रहेंगे और कुछ इलाकों में ओले भी पड़ सकते हैं। ऐसे में असहायों को मदद पहुंचाने के लिए आशा की एक नई किरण बनकर आयी है सामाजिक संस्था “आशाएं” और नेटटूसोर्स जिनके द्वारा कड़कड़ाती ठंड में गरीबों को कुछ राहत देने के उद्देश्य से जगह-जगह कंबल वितरण का कार्य किया जा रहा है।
कंपनी के अधिकारी व समाजसेवी वरुण आर्य ने कहा उत्तर भारत में बढ़ी ठंड से आम आदमी के साथ-साथ गरीबों का जीना भी मुश्किल हो गया है, ऐसे में ठंड से ठिठुरते गरीबों को कंबल के रूप में “जिंदगी” मिल रही है। वरुण ने बताया श्रीमती आशा गर्ग के पदचिन्हों पर चलते हुए उनके सुपुत्र आशीष गर्ग समाजसेवा के कार्यों में अग्रसर रहते हैं, गरीबों को राहत मिले इसके लिए वे धर्म, जाति के बंधन से दूर गरीबों के इलाज, बच्चों की शिक्षा के लिए मदद करते आ रहे हैं। सालों से मदद का यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। गरीब बच्चे बेहतर शिक्षा ले सकें इसके लिए उन्हें स्कूल बैग, किताब-कापी जैसी आवश्यक वस्तुएं मुहैया कराई जाती हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट अक्षय ने कहा मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। सर्दी के मौसम में गर्म कंबल पाकर गरीबों के चेहरे खिल उठे, उनके चेहरों पर खुशी के भाव स्पष्ट देखे जा सकते थे। उन्होंने बताया कि आने वाले समय मे ठंड का प्रकोप ओर ज्यादा बढ़ने की संभावना है, जिसके कारण “आशाएं” और नेटटूसोर्स के द्वारा गर्म वस्त्र वितरण कार्यक्रम के तहत गरीब, निःसहाय, जरूरतमंद लोगों को कम्बल वितरण आने वाले समय में भी किया जाएगा। उन्होंने सभी से आगे आकर गरीबों की अधिक से अधिक सहायता करने की अपील की। इस मौके पर मनीष गोयल, दीपक नेगी, अक्षय व वरुण आर्य सहित अन्य भी मौजूद थे।

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