यहां सूर्य की किरणें करती हैं भगवान नरसिंह का अभिषेक
इस बेहद सादगीपूर्ण मंदिर में शेखवाटी क्षेत्र में प्रसिद्ध रंगीन भित्तिचित्र भी देखने लायक हैं।

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विष्णु भगवान के पांचवें अवतार नरसिंह के मंदिर यूं तो देश भर में कई जगह हैं लेकिन राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खंडेला का नरसिंह मंदिर कई मायने में अनोखा है। इस मंदिर की पहली खासियत यह है कि यहां स्थित मूर्ति में नरसिंह अपने उस विकराल स्वरूप में नजर आते हैं जिसमें वह अपनी जंघा पर हिरण्यकश्यप का वध कर रहे हैं। दूसरी और बड़ी खासियत यह है कि छह सौ से भी अधिक वर्ष पहले चतुर शिल्पियों ने इस मंदिर का निर्माण इस प्रकार किया था कि उत्तरायण व दक्षिणायण में सूर्य की पहली किरणें नरसिंह भगवान पर पड़ती हैं।
इस मंदिर के बारे में प्रचलित कथा के अनुसार तेरहवीं शताब्दी में अलवर से यहां आकर बसे खंडेलवाल वैश्य राजाराम चौधरी के तीन पुत्रों में से एक चाढ़ बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे और नरसिंह भगवान को अपना इष्ट मानते थे। एक बार दक्षिण भारत से खंडेला में आए साधु-संतों ने उनकी सेवा से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दिया कि जल्द ही उन्हें अपने इष्ट के दर्शन होंगे। कुछ दिन बाद नरसिंह भगवान ने उनके सपने में आकर एक जगह दबी हुई अपनी मूर्ति के बारे में बताया। चाढ़ ने उस जगह जाकर खुदाई करवाई और वर्ष 1382 में नरसिंह जयंती यानी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुदर्शी के दिन प्राप्त हुई उस मूर्ति को निकलवा कर अपनी हवेली में स्थापित करवा दी। खुदाई वाली जगह पर उन्होंने एक तालाब बनवा दिया जिसे आज भी चाढ़ोड़ा के नाम से जाना जाता है। राजा दलपत सिंह ने इस मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ करवाया और आखिर वर्ष 1387 में नरसिंह जयंती के दिन वह मूर्ति इस मंदिर में स्थापित की गई।
इस बेहद सादगीपूर्ण मंदिर में शेखवाटी क्षेत्र में प्रसिद्ध रंगीन भित्तिचित्र भी देखने लायक हैं। इस मंदिर में नारियल बांध कर मनौती मानने की प्रथा है जिसके पूर्ण होने पर लोग यहां आकर प्रसाद चढ़ाते हैं। प्रति वर्ष नरसिंह जयंती के अवसर पर उत्सव, भंडारा आदि होता है। खंडेलवाल वैश्यों का मूल स्थान होने के कारण देश-विदेश में बसे खंडेलवाल वैश्य अक्सर किसी मांगलिक कार्य के लिए यहां आते रहते हैं। इसके अतिरिक्त खंडेला भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटक भी यहां अवश्य आते हैं। ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां से पूरे खंडेला का मोहक दृश्य दिखता है।
कैसे पहुंचे नरसिंह मंदिर:-
खंडेला की दूरी रिंगस से 35, सीकर से 47, पलसाणा से 18, नीम का थाना से 35, दिल्ली से 245, जयपुर से 94 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से खंडेला इन सभी स्थानों से जुड़ा हुआ है।
दीपक दुआ
(फिल्म समीक्षक, पत्रकार और यात्रा लेखक)
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