उत्तर प्रदेशचुनाव (Election)मेरे अलफ़ाज़/कविताराजनीति
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ElectionResults:जनादेश का यथोचित सम्मान करें-ज्ञानेन्द्र रावत
"सन्यासी से अच्छा राजा कौन हो सकता है। वही आदर्श राजा है जो मन से सन्यासी हो, जिसे सिंहासन व सत्ता का लोभ न हो। वही सच्चा न्याय कर सकता है जिसे निजी विलास और काम में आसक्ति नहीं होगी, वही एक तपस्वी की भांति दिन-रात जनसेवा के काम में संलग्न रहेगा।" प्रदेश की जनता की योगी जी से यही उम्मीद है।
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उत्तर प्रदेश के हालिया विधान सभा चुनाव में भाजपा की विजय से यह प्रमाणित हो गया है कि अब वाद वह चाहे परिवार का हो, जाति का हो, संप्रदाय या धर्म का हो या फिर वह चाहे आतंक या माफिया का ही क्यों न हो, उसका मिथक टूट चुका है। अब सभी वर्ग, जाति और संप्रदायों-धर्मों को साथ लेकर चलने का समय है। लोकतांत्रिक व्यवस्था का यही आधार भी होना चाहिए। वास्तव में यही जनमत है जिसका सम्मान करना चाहिए और उसे शिरोधार्य भी करना चाहिए। जनता किसे चुनती है और किसे नकारती है, यह उसका अधिकार है। इस अधिकार से उसे कोई वंचित नहीं कर सकता।
वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, राजनीतिक विश्लेषक व पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत ने कहा है कि प्रदेश की जनता ने इस चुनाव में प्रदेश के समग्र विकास और सुरक्षा के नाम पर मुहर लगाकर योगी आदित्यनाथ को अगले पांच वर्षों के लिए पुनः सत्ता सौंपी है। इस हेतु प्रदेश की जनता और योगी आदित्यनाथ बधाई के पात्र हैं। प्रदेश की जनता को यह आशा और विश्वास है कि योगी जी जन सरोकारों पर गंभीरता पूर्वक विचार करेंगे और प्रदेश को शांति व विकास मार्ग पर ले जाने की दिशा में हरसंभव प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर भगवान राम द्वारा वानर राज सुग्रीव को दिये उपदेश की चर्चा करना उचित होगा। भगवान राम ने सुग्रीव से कहा था कि -“सन्यासी से अच्छा राजा कौन हो सकता है। वही आदर्श राजा है जो मन से सन्यासी हो, जिसे सिंहासन व सत्ता का लोभ न हो। वही सच्चा न्याय कर सकता है जिसे निजी विलास और काम में आसक्ति नहीं होगी, वही एक तपस्वी की भांति दिन-रात जनसेवा के काम में संलग्न रहेगा।” प्रदेश की जनता की योगी जी से यही उम्मीद है।