President Election Schedule: राष्ट्रपति चुनाव का शेड्यूल जारी, 18 जुलाई को वोटिंग और 21 तक नतीजा
राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4,896 वोट होंगे। मतदाताओं को 1,2,3 लिखकर पसंद जाहिर करनी होगी। अगर वोट देने वाले सांसद और विधायक ने पहली पसंद नहीं दी तो फिर वोट को रद्द मान लिया जाएगा।

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President Election News: भारत का नया राष्ट्रपति कौन होगा? इसकी तस्वीर आने वाली 21 जुलाई तक साफ हो जाएगी। गुरुवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने प्रेसिडेंट इलेक्शन (President Election 2022) का शेड्यूल जारी किया। देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा, इसमें कुल 4,896 वोट डाले जाएंगे। जरूरी होने पर 21 जुलाई को मतों की गिनती होगी। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है और नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई तक शपथ लेनी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (CEC Rajeev Kumar) ने बताया कि 15 जून से अधिसूचना लागू होगी। 29 जून नामांकन की तारीख रहेगी। 30 जून को स्क्रूटनी होगी और 2 जुलाई तक उम्मीदवार नामांकन वापस ले सकेंगे। वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर पसंद जाहिर करनी होगी। यदि वोट देने वाले सांसद और विधायक ने पहली पसंद नहीं दी तो फिर वोट को रद्द माना जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4,896 वोट होंगे। लोकसभा और राज्यसभा के 776 सांसद और 4,120 विधायक हिस्सा लेंगे।
पिछली बार कोविंद को मिले थे 65% मत
बता दें कि 2017 में 17 जुलाई को राष्ट्रपति पद का चुनाव हुआ था, जिसमें एनडीए के कैंडिडेट रहे रामनाथ कोविंद (Predident Ramnath Kovind) को करीब 65 फीसदी मत हासिल हुए थे। इस बार के चुनाव में भी एनडीए आसानी से जीतने की स्थिति में है। हालांकि अब तक सरकार या फिर विपक्ष की ओर से कैंडिडेट का ऐलान नहीं हुआ है। Read More: कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की कस्टडी 13 जून तक बढ़ाई, तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती
कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव?
– भारत में राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज सिस्टम के जरिए होता है, जिसमें सांसद और विधायक मतदान करते हैं। चुनाव आयोग की देखरेख में यह पूरी प्रक्रिया होती है।
क्या होता है इलेक्टोरल कॉलेज?
– यह ऊपरी और निचले सदन के चुने हुए सदस्यों से मिलकर बनता है। इसमें राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा के सदस्य भी शामिल होते हैं। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4,896 मतदाता होंगे। इनमें 543 लोकसभा, 233 राज्यसभा सांसद, इसके अलावा राज्यों के 4,120 विधायक शामिल हैं।