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करें ब्रीदिंग एक्सरसाइज और रहें स्वस्थ

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ब्रीदिंग एक्सरसाइज हमारे शरीर के साथ-साथ मन को भी स्वस्थ रखती है। इसे करने का सबसे अच्छा समय सुबह का ही होता है और आप दिनभर फ्रेश भी रहते हैं। इसके महत्व को कई योग गुरू बताते भी रहते हैंः-
इस महामारी के समय में ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना अब हमारी जरूरत बन गई है। कितने लोग ऐसे हैं जो इस एक्सरसाइज का सहारा लेकर कोविड को हराने में सफल हुए हैं, तो क्यों न हम भी इसे अपने जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बना लें। आइए जानते हैं कैसे…..
कपालभाति:- किसी भी सुविधाजनक आसन में बैठकर या कुर्सी पर भी बैठकर इसे आराम से कर सकते हैं। इसमें सांस को बाहर छोड़तेे समय पेट को अंदर करने की कोशिश करें। इस प्राणायाम को आप रोज कर सकते हैं। लेकिन धीरे-धीरे इसकी अवधि बढ़ाएं। इससे पेट और वजन को कम करने में मदद मिलेगी। इसे करने से पाचन संबंधी समस्याओं में भी बहुत फायदा मिलता है। इसके साथ ही शरीर के अन्य अंगों को भी बहुत लाभ मिलता है। इससे मन भी शांत होता है और एकाग्रता भी बढ़ती है।
भस्रिका:- यह प्राणायाम भी आराम से बैठकर अपने दोनों हाथों से घुटनों को दबारक रखें और सांस को छोड़ते समय झटके के साथ नाभि पर थोड़ा दबाव पड़ता है। इसे अपनी क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए। गहरी सांस लेने और छोड़ने से शरीर से टाॅक्सिस निकल जाता है और इससे हमें तनाव से भी मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस प्राणायाम को करने से हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है। इससे हमें सुकून का भी एहसास होता है।
अनुलोम-विलोम:– इस प्राणायाम को खुले स्थान में बैठकर करने से बहुत फायदा मिलता है। इसमें सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को बार-बार दोहराया जाता है। इसे नियमित करना चाहिए। तभी आप लाभ उठा सकते हैं। ऐसा नहीं कि एक दिन किए और दूसरे दिन छोड़ दिए तो इससे कोई फायदा नहीं होगा। अपनी सुविधानुसार बैठकर आप इसे आराम से कर सकते हैं। दायें हाथ के अंगूठे से दायीं नाक के छिद्र को बंद करें और बायें नाक के छिद्र से सांस को अंदर भरें। अब बायीं नाक के छिद्र को अंगूठे की बगल वाली दो उंगलियों से दबा लें। बाद में दायीं नाक के अंगूठे को हटाकर सांस बाहर छोड़ें। फिर बायें नाक को बंद कर दायें से सांस को अंदर भरें और दायें नाक के छिद्र को बंद कर बायें नाक से छोड़ें। यह प्रक्रिया अपनी सामथ्र्य के अनुसार बार-बार दोहराएं।
भ्रामरी प्राणायाम:- इसमें आराम से बैठकर अपने दोनों हाथों की अंगूलियों से अपने नाक और कान को बंद करें और सांस को धीरे से खींचे और गुंजन करते हुए आवाज निकालें। जैसे भ्रामरी आवाज निकालती है। इसे करना सबसे आसान है और इसे कोई भी आसानी से कर सकता है।
प्रस्तुति-संध्या रानी

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