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राज्यों को मना कर प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन क्यों दे रही केंद्र सरकार- सिसोदिया

जीएसटी कॉउंसिल बैठक में कई भाजपा शासित प्रदेशों के वित्तमंत्री ने किया वैक्सीन को टैक्स फ्री  करने का विरोध

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                                                        दिल्ली के उपमुख्यमंत्री  मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केंद्र सरकार पर तीखा हमाल किया।   उपमुख्यमंत्री ने वैक्सिन डिस्ट्रिब्यूशन और उस पर टैक्स को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा से सवाल पूछे. उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि  जब राज्यों के लिए वैक्सिन नहीं है तो प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सिन कहां से आ रही है?  एक ओर केंद्र सरकार वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध नहीं कर रही है लेकिन दूसरी ओर प्राइवेट अस्पतालों को ज़्यादा कीमतों पर वैक्सीन कैसे उपलब्ध करवा रही है। उपमुख्यमंत्री ने भाजपा से पूछा कि महामारी में भी बीजेपी शासित कई राज्यों के वित्तमंत्री वैक्सीन जैसी महत्वपूर्ण वस्तु से जीएसटी क्यों नहीं हटाना चाहते है?

                                             सिसोदिया ने कहा कि देश में महामारी से हाहाकार मचा हुआ है। केंद्र सरकार के कुप्रबंधन से भारत में वैक्सीन की कमी हो गई है जिससे राज्यों को अपने यहां 18-44 आयुवर्ग के युवाओ के वैक्सीनेशन का रोकना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आज यदि देश की युवा शक्ति को बचाना है तो उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज़ लगानी होगी। लेकिन केंद्र सरकार वैक्सीन के सप्लाई पर कुंडली मार के बैठी हुई है और राज्यों को युवाओं के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा रही है।

                            सिसोदिया ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा की जब राज्य सरकारें अपने युवाओं को मुफ्त में वैक्सीन लगवाना चाहती है तो केंद्र सरकार को क्या परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र युवाओं के लिए तो राज्यों की तो वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा रही लेकिन ऊंची कीमतों पर प्राइवेट अस्पतालों को कैसे वैक्सीन की आपूर्ति कर रही है। केंद्र के पास प्राइवेट अस्पतालों को बेचने के लिए वैक्सीन है लेकिन राज्यों के लिए नहीं है। जो वैक्सीन राज्य सरकार युवाओं को फ्री में लगा रही है प्राइवेट अस्पताल उनके लिए 1000-1200 रुपए मांग रहे है। उपमुख्यमंत्री ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को पारदर्शिता दिखाते हुए वैक्सीन की पूरी सप्लाई का डाटा सार्वजनिक करने चाहिए।

                                         सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार की तरफ से शुक्रवार को एक संदेश मिला कि दिल्ली को युवाओं के लिए वैक्सीन 10 जून से पहले नहीं मिलेगी। एक ओर जब दिल्ली सरकार 3 महीने में दिल्ली में सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाने में सक्षम है तो केंद्र सरकार वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा रही है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में 92 लाख युवा आबादी है जिनके लिए 1.84 करोड़ वैक्सीन दोज़ की ज़रूरत है लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक अप्रैल महीने में 4.5 लाख और मई में 3.67 लाख वैक्सीन ही उपलब्ध करवाया है। जून में दिल्ली को 10 जून के बाद युवाओं के लिए सिर्फ 5.5 लाख वैक्सीन मिलेगी।

                                        सिसोदिया ने कहा कि शुक्रवार को हुई जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में  उन्होंने वैक्सीन, पीपीई किट, ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर, ऑक्सीमीटर जैसी वस्तुओं को टैक्स फ्री करने की मांग की। पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड, छत्तीसगढ़ और कुछ भाजपा शासित राज्यों ने भी यही मांग की ताकि आम आदमी तक इनकी पहुंच हो।  लेकिन भाजपा शासित बहुत से राज्यों के वित्तमंत्रियों ने इसका विरोध किया और कहा कि इन वस्तुओं से जीएसटी नहीं हटना चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने भाजपा से सवाल पूछा कि महामारी के इस समय में भी भाजपा शासित राज्यों के बहुत से मुख्यमंत्री इन आवश्यक वस्तुओं से कमाई क्यों करना चाहते है। उन्होंने कहा कि ये समय पैसा कमाने का नहीं है बल्कि लोगों की मदद करने का है। उन्होंने भाजपा से जबाब मांगा है कि भाजपा अपनी परेशानी बताए कि उन्हें संकट के इस समय में भी कमाई क्यों करना है।

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