DU Convocation: – 98वें दीक्षांत समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- भारत को जगत गुरु बनाना का है
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विद्यार्थिंयों को किया संबोधित
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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए राजनाथ ने कहा, भारत की शक्ति दुनिया की भलाई के लिए है न कि किसी को डराने के लिए। दीक्षांत समारोह के दौरान 1,73,443 छात्रों को डिजिटल डिग्री प्रदान की गई।
राजनाथ ने आगे कहा कि हमारा सपना भारत को जगत गुरु बनाना का है। हम भारत को शक्तिशाली, ज्ञान के क्षेत्र में समृद्ध बनाना चाहते हैं जहां संस्कारिक मूल्य भी हों। अब तो पूरा विश्व मानता है कि एक समय में भारत शिक्षा और विज्ञान समेत कई क्षेत्रों में दुनिया का नेतृत्व करता था। लेकिन कुछ ऐसे बुद्धिजीवी हैं जिन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत को धूमिल करने का काम किया।
रक्षा मंत्री ने कहा, मेरे युवा साथियों हमें यह याद रखना चाहिए कि आज का यह समारोह दीक्षांत समारोह है, शिक्षांत समारोह नहीं। मेरा तो यह मानना है कि दीक्षांत के बाद असली शिक्षा की शुरूआत होती है और शिक्षा एक ऐसा सफर है जो सारी जिंदगी चलता रहता है। Read More:School Administration की अनदेखी, 10वीं मंजिल से कूदकर छात्र ने की आत्महत्या
भारत का टैलेंट दुनिया की टॉप कंपनियों को संभाल सकता है तो भारत में टॉप कंपनियां क्यों नहीं खड़ी कर सकता
वह बोले, ऐसा नहीं है कि ज्ञान-विज्ञान की दुनिया में हमारे विश्वविद्यालयों की भूमिका नहीं है, कृषि से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल और आईटी सेक्टर में हमारे विश्वविद्यालय और कॉलेजों ने कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं। आज गूगल, माइक्रोसाफ्ट, ट्विटर, अडोब, आईबीएम जैसी कंपनियां भारतीय शिक्षण संस्थानों में पढ़ कर निकलने वाले भारतीयों के हाथ में है।आज हमें यह सोचने की जरूरत है कि जो भारतीय टैलेंट दुनिया भर की टॉप कंपनियों की बागडोर संभाल सकता है वह भारत में टॉप कंपनियां क्यों नहीं खड़ी कर सकता।
रक्षा मंत्री सिंह ने देश में तेजी से शुरू हो रहे स्टार्टअप पर कहा, पहले देश में कोई स्टार्टअप ईको सिस्टम नहीं था मगर पिछले छह-सात सालों में तस्वीर बदली है। आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2014 में भारत में केवल 500 स्टार्टअप काम कर रहे थे। आज 2022 में यह गिनती 60 हजार स्टार्ट अप को पार कर गई है। पिछले साल 2021 में भारत में 44 नए यूनिकॉर्न निकल कर सामने आए और भारत के यूनिकॉर्न की संख्या 83 हो गई थी। अब 2022 के पहले पचास दिनों में ही 10 नए यूनिकॉर्न जुड़ गए हैं।
पढ़ा-लिखा या डॉक्टर होकर भी कोई बन सकता है याकूब मेनन या अफजल गुरु
वह बोले, जब हम गॉड पार्टिकल की बात करते हैं तो इसमें दो शब्द आते हैं गॉड और पार्टिकल। पार्टिकल्स के बारे में तो बहुत ज्ञान अर्जित कर लिया परन्तु गॉड अर्थात् आध्यात्मिकता का ज्ञान कितने देशों के पास है। हम विश्व के एकमात्र देश हैं जो भगवान का ज्ञान भी रखते हैं और पार्टिकल का भी ज्ञान रखते हैं। अब आप यह प्रश्न कर सकते हैं कि आध्यात्मिक ज्ञान की आवश्यकता ही क्या है, इसका उत्तर मैं आपको देना चाहता हूं कि आप सब उच्च शिक्षा पाकर पास आउट होकर जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ना चाहते हैं।
बुद्धि तो सिर्फ यह बताएगी कि काम कैसे करेंगे, कितना अच्छा और कितनी सफाई से करेंगे और कौन सा काम करेंगे, ये तो आपकी मन की प्रवृत्ति बताएगी। खूब पढ़ लिखने के बाद भी अमेरिका में ट्रेंड पायलट हो कर भी कोई 9/11 करने वाला खालिद शेख या मोहम्मद अट्टा बन सकता है, डॉक्टर होकर भी कोई अफजल गुरु बन सकता है, सीए होकर भी कोई याकूब मेनन बन सकता है, अरबपति खरबपति होकर भी कोई ओसामा बिन लादेन बन सकता है।
मुख्य अतिथि सिंह ने कहा, महत्व यह नहीं है कि आप कितने बुद्धिमान, प्रतिभावान या धनवान है, महत्व इसका है कि आपके मन का संस्कार क्या है। जो लोग यह सिद्धांत देने का प्रयास करते हैं कि केवल ग़रीबी और अशिक्षा के कारण ही आतंकवाद पनपता है, ऊपर के सारे उदाहरण उनकी बात को और उनके तर्क को ध्वस्त कर देते हैं।