क्या फिर देश में लगेगा लॉकडाउन, जानिए कोरोना ने कहाँ कैसे बढ़ाई मुश्किलें
कोविड़ 19 एक बार फिर से डराने लगा है। पिछले 24 घंटे में देश में 56 लोगों की जान कोरोना से गई है। वहीं 2380 लोग इसकी चपेट में आए हैं। देश के नौ राज्यों के 36 जिलों में हालात बहुत बेकार है।
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कोविड़ 19 एक बार फिर से डराने लगा है। पिछले 24 घंटे में देश में 56 लोगों की जान कोरोना से गई है। वहीं 2380 लोग इसकी चपेट में आए हैं। देश के नौ राज्यों के 36 जिलों में हालात बहुत बेकार है। इन सभी पॉजिटिविटी रेट पांच फीसदी से भी ज्यादा है। इसका मतलब यह है कि कोरोना की जांच कराने वाले हर 100 लोगों में से पांच या उससे भी ज्यादा संक्रमित पाए जा रहे हैं। आइये जानते हैं कि क्या है कोरोना से देश के हालत।
देश के आंकड़े क्या कहते हैं?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अभी 13 हजार 433 एक्टिव केस हैं। रिकवरी रेट की बात करें तो यह दर 98.76 फीसदी है। मतलब कि हर 100 मरीज में 98.76 लोग ठीक हो रहे हैं। वहीं हम डेली पॉजिटिविटी रेट यानी हर रोज मिल रहे मरीजों का आंकड़ा देखें तो यह 0.53% है। बुधवार को देश में 4.49 लाख लोगों की जांच हुई थी और इनमें 0.53% लोग संक्रमित पाए गए। वहीं, वीकली पॉजिटिविटी रेट 0.43% है।
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क्या फिर से लॉकडाउन लगेगा, जानिए क्या कहता है नियम ?
इसी साल जनवरी में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी (डीडीएमए) के कोविड मैनेजमेंट के लिए तैयार ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन यानी जीआरएपी ने कहा था कि अगर लगातार दो दिन तक पॉजिटिविटी रेट पांच प्रतिशत या इससे ज्यादा रहा तो लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
हालांकि, लॉकडाउन को लेकर केंद्र स्तर से कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रजनीकांत कहते हैं, ‘लॉकडाउन सबसे अंतिम विकल्प होता है। यह उस स्थिति में लगाया जाता है जब लगता है कि अब बिना इसके संक्रमण को नहीं रोका जा सकता है।’
डॉ. रजनीकांत के मुताबिक, ‘केंद्र सरकार की तरफ से अब कोई लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता है। शुरुआत में इसलिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लगाया था, क्योंकि उस वक्त हमारे पास टेस्टिंग, हॉस्पिटल बेड, वैक्सीन व कोरोना से लड़ने के लिए अन्य संसाधन नहीं थे। आज सबकुछ अपने पास है। ज्यादा से ज्यादा आबादी को वैक्सीन लग चुकी है। बच्चों में भी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज हो चुकी है।’
राज्य और जिलों में लॉकडाउन के सवाल पर डॉ. रजनीकांत ने कहा, ‘यह राज्य सरकार और जिले के अफसर को तय करना है कि अगर उनके यहां कोरोना का पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहा है तो उसे कैसे रोका जाए? इसके लिए उनके पास कई ऑप्शन होते हैं। मसलन वह कैंटेनमेंट जोन बना सकते हैं। नाइट कर्फ्यू जैसे अन्य प्रतिबंध लगा सकते हैं। अगर इसके बावजूद केस नहीं रुक रहे हों तो जिला स्तर पर लॉकडाउन लगाने का फैसला भी कर सकते हैं।’
कैसे कोरोना पर लगेगी लगाम?
कोविड प्रोटोकॉल का पालन जारी रखना होगा। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखिए।
जब तक जरूरी न हो, बाहर न निकलें।
बाहर निकलने पर एहतियात बरतें। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जानें से बचें।
अगर अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है तो वैक्सीन लगवा लें। दोनों डोज होने के बाद बूस्टर डोज भी लगवा सकते हैं।