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कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने “दिल्ली सेवा बिल 2023” के लिए AAP को ठहराया जिम्मेदार 

केंद्र सरकार ने अपने राजनीतिक हितों को सुरक्षित करने का ये तरीका निकाला है

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संसद के दोनों सदनों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) बिल, 2023, पास हो गया है। कांग्रेस पार्टी समेत कई विपक्षी दल इस बिल के विरोध में थे। इसके विपरीत पार्टी लाईन से हटकर कांग्रेस पार्टी के पूर्वी दिल्ली के पूर्व सांसद और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित ने सोमवार को इस विधेयक के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि “उनके सत्ता संघर्ष और केंद्र के साथ व्‍यवहार के परिणामस्वरूप ही राष्ट्रीय सेवाओं के नियंत्रण पर कानून तैयार हुआ”।
     संसद के राज्यसभा में इस विधेयक के पास होने के बाद कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि “अगर आम आदमी पार्टी का सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ विवाद नहीं चल रहा होता तो, संसद में ऐसा विधेयक कभी पेश नहीं किया जाता”।
     वंही कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने एक विडियो के माध्यम से इस बिल के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सलाह देते हुए कहा कि “एक समय था जब केंद्र और दिल्ली की पिछली सरकारों का दिल्ली में सेवाओं पर पारस्परिक नियंत्रण था। सब कुछ बढ़िया चल रहा था, कभी कोई समस्‍या नहीं आई। लेकिन दुर्भाग्य से, जब से 2014 में अरविंद केजरीवाल ने सत्ता संभाली, वह राजनीति करने लगे। वह सत्ता संघर्ष में उलझ गए। ऐसे में केंद्र सरकार ने अपने राजनीतिक हितों को सुरक्षित करने का ये तरीका निकाला है। यही कारण है कि केंद्र इस विधेयक को लेकर आया। अन्यथा दिल्ली में इस तरह के विधेयक की कोई जरूरत नहीं थी.”
     आगे संदीप दीक्षित ने कहा कि “विधेयक के पारित होने के साथ, आप सरकार अब दिल्ली के लोगों के लिए काम करने के बजाय ‘राजनीति’ का सहारा लेगी। अब मैं केवल यह आशा कर सकता हूं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने बचे हुए कार्यकाल के दौरान शहर के विकास के लिए काम करेंगे. हालांकि, इसकी काफी संभावना है कि वह राजनीति का सहारा लेंगे और सेवाओं पर कानून के पारित होने के बाद और ज्‍यादा राजनीतिक बयान बाजी करेंगे”।
-ओम कुमार
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