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चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद पर मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो फुटेज और वोट फिर सील कर के पंजाब-हरियाणा कोर्ट में भेजा और अनिल मसीह को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 8 वोट जिन्हें रद्द किया गया था, उन्हें सही माना और 12 वोट जो पहले सही थे, उनको मिलाकर 20 वोट हुए, जिसके बाद आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर पद चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच विवाद में 8 अमान्य वोटों की जांच की। कोर्ट ने कहा कि इन वोटों को फिर से गिना जाएगा और इन्हें वैध माना जाएगा तो इसके आधार पर ही परिणाम घोषित किए जाएंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया ने मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर से अमान्य 8 बैलेट पेपर मांगते हुए कहा कि वह 8 अमान्य बैलेट पेपर देखना चाहते हैं। जिसके बाद बैलेट पेपर कोर्ट को दिए गए। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 8 बैलेट पेपर में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को वोट दिए गए थे। कोर्ट ने सभी पक्षों को बैलेट पेपर देखने को दिए, जिसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर मसीह और उनके वकील मुकुल रोहतगी ने भी इनको देखा।
वंही सुप्रीम के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अमान्य 8 बैलेट पेपर को देखते हुए अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये अदालत की अवमानना है, ये जघन्य अपराध है। वहीं चीफ जस्टिस ने सुझाव दिया कि 8 अमान्य वोटों को भी मान्य मानकर गिनती दोबारा कराकर नतीजा घोषित किया जाए।
वंही फैसले के आने के बाद आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद और चंडीगढ़ के नए मेयर कुलदीप कुमार ने कहा कि “उन्हें कहीं न कहीं विश्वास था कि अदालत से इंसाफ जरूर मिलेगा। मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के दूसरे सीनियर लीडर्स को धन्यवाद करता हूं कि वो हमारी लड़ाई में साथ खड़े रहे।”
-ओम कुमार
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