मेरे अलफ़ाज़/कविता
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सदियों पहले लोग यमुना में कालिया नाग के डर से नहीं जाते थे, अब जहरीले झाग के डर से -ज्ञानेन्द्र रावत
सूर्य पुत्री यमुना आज अपने ताड़नहार की प्रतीक्षा में है। इस बार ज्ञात इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब…
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त्याग की भावना से ही वास्तविक आनंद और संतोष की प्राप्ति होती है -तेजिंदर सिंह लूथरा
साहित्य अकादमी द्वारा 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में आरंभ किए गए सतर्कता जागरुकता अभियान का समापन…
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साहित्य अकादमी की कथा-संधि में सच्चिदानंद जोशी ने सुनाई प्रेरणादायक कहानियाँ
साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित कार्यक्रम कथा-संधि में आज मशहूर लेखक सच्चिदानंद जोशी का विशेष कथा-पाठ आयोजित किया गया। जोशी ने…
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अनूठा प्रयास: मिशन “खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में”
यों तो रहीम जैसे महान कवि हर बड़े अवसरों पर याद आते रहते हैं, लेकिन गर्मी के समय में पानी…
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भारतीय साहित्य में भाषाई एकता का गहरा संबंध है, जो इसे और अधिक पठनीय बनाता है -के. श्रीनिवास राव
आज साहित्य अकादमी में ‘हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएँ’ विषयक एक महत्वपूर्ण परिसंवाद का आयोजन किया गया। इस परिसंवाद का…
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हिंदी पखवाड़ा: साहित्य अकादमी में ग़ज़ल और कविताओं की संगीतमय शाम
साहित्य अकादमी द्वारा हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित ग़ज़ल संध्या में जाने-माने शायरों ने शिरकत की। कार्यक्रम में बी.के. वर्मा…
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खेजडी़ बचाओ आंदोलन पर चुप क्यों है सरकार –ज्ञानेन्द्र रावत
बीते दिनों देश की राजधानी दिल्ली के रिज क्षेत्र में 1100 पेड़ों की कटाई का मामला सुर्खियों में बना रहा…
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