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वजूखाना को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे होगा, जिला अदालत में हिंदू पक्ष का आवेदन मंजूर
इस मामले में संभलकर चलने की जरूरत है। हाईकोर्ट के आदेश की बारीकी से जांच करनी होगी -सुप्रीम कोर्ट

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर की अदालत ने हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल की गई ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक सर्वे वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा कि वजूखाना को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे होगा। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी। इस मामले में 14 जुलाई को सभी पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
वंही ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि “हमारा कहना था कि उस पूरे क्षेत्र का एएसआई (ASI) द्वारा सर्वेक्षण करना चाहिए। आज कोर्ट ने हमारे उस आवेदन पर सहमति दे दी है और अब एएसआई (ASI) ही इस मामले की दिशा और दशा को निर्धारित करेगा। शिवलिंग का सर्वेक्षण नहीं होगा। उसका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त को है। मगर शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण होगा”।

वंही ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने 14 जुलाई को ज़िला कोर्ट में अपने पक्ष में दलील देते हुए कहा कि “ज्ञानवापी आदिविश्वेश्वर का मूल स्थान है। यह लाखों लोगों की भावनाओं से जुड़ा है। सर्वे के दौरान पश्चिमी दीवार पर मिले निशान और अवशेषों ने बताया कि यह मंदिर की दीवार है। ओरल एवीडेंस के आधार पर कोई पक्ष नहीं रखा जा सकता, इसलिए सर्वे अनिवार्य है। हम संपूर्ण परिसर के सर्वे की मांग को उठा रहे हैं, जिससे सभी को पता चलेगा कि यह परिसर स्वयंभू आदिविश्वेवर मंदिर है। सर्वे के बाद वाराणसी का इतिहास सामने होगा”
जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेटिंग के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।वंही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए कहा था कि “इस मामले में संभलकर चलने की जरूरत है। हाईकोर्ट के आदेश की बारीकी से जांच करनी होगी”।
-ओम कुमार





