DU की ABCDशिक्षा/रोजगार (Education/Job)

ABVP विश्वविद्यालयों में राज्य सरकारों के बढ़ते प्रभाव के कारण प्रभावित होती शिक्षा की गुणवत्ता के विरुद्ध संघर्षरत है: निधि त्रिपाठी

शिक्षण क्षेत्र पंथ आधारित परिधानों से मुक्त होनी चाहिए: प्रो.छगनभाई पटेल

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की दो दिवसीय केंद्रीय कार्य समिति और प्रांत संगठन मंत्री बैठक 25 फ़रवरी को कर्नाटक के हम्पी (होसपेटे) में आरंभ हुई। इस बैठक में देश भर से 128 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक का उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो छगनभाई पटेल, राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी और राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान द्वारा किया गया। इस बैठक में ABVP सभी प्रांतों में अपने कार्य की समीक्षा करेगी तथा आगामी कार्यों की योजना तैयार की जाएगी।
अभाविप की केंद्रीय कार्यसमिति ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के उद्बोधन के माध्यम से लावण्या को श्रद्धांजलि दी एवं एवं निरंतर संघर्षरत अभाविप कार्यकर्ताओं के प्रयासों की जानकारी दी। अपने उद्घाटन भाषण के दौरान, राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो छगनभाई पटेल ने देश के वर्तमान परिदृश्य को इंगित करते हुए कहा की, “माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शैक्षणिक परिसरों में विद्यालय परिधान के लिए अपने आदेश में स्पष्ट संकेत दे दिया है। विभाजनकारी ताकतें शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में सद्भाव भंग करने की कोशिश कर रही हैं। शिक्षा को पंथ-सूचक परिवेश से मुक्त होना चाहिए। सुभाष चंद्र बोस को दिए गए, लंबे समय से वांछित सम्मान ने देशवासियों में गर्व पैदा किया है। 5 राज्यों में लोकतंत्र का महापर्व भी चल रहा है और सकारात्मक राष्ट्रवादी ताकतों को चुनने के लिए लोगों को उत्साह से भाग लेना चाहिए। रूस और यूक्रेन के मध्य स्तिथि चिंताजनक है और भारतीय छात्रों की वापसी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। वर्तमान समय में देश की बड़ी युवा आबादी को सीमित नौकरी के अवसरों के कारण रोज़गार परस्त बनने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है इसलिए, एक राष्ट्र के रूप में हम स्टार्टअप को बढ़ावा देकर, ‘स्वावलंबन’ और ‘स्वरोजगार’ को प्रोत्साहित करने के लिए गैर सरकारी संगठन के साथ सहयोग करके अवसरों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
देश के शैक्षिक परिदृश्य को इंगित करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा की, ” लावण्या के न्याय का संघर्ष पूरे देश में जोर-शोर से जारी है। हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल सशक्त है और लावण्या के न्याय की लड़ाई लाखों छात्र जो शिक्षण संस्थानों में प्रताड़ना का शिकार हैं उनको न्याय दिलाएगी। राजस्थान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के NEET परीक्षा घोटाले के विरुद्ध लंबे समय तक चले संघर्ष के कारण शिक्षा माफियाओं का पर्दाफाश हो रहा है। महाराष्ट्र, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में, जहां राज्य सरकारों के विश्वविद्यालय प्रशासन में हस्तक्षेप बढ़ाने के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आई है, गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए अभाविप का संघर्ष जारी है। मैं अभाविप असम के कार्यकर्ताओं को छात्रसंघ चुनाव में 450 सीटें जीतने के लिए बधाई देती हूँ। महामारी के बाद से पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था सुस्त पड़ गयी थी। लेकिन अब समय आ गया है कि हम पूर्ण रूप से पढ़ने-पढ़ाने की प्रक्रिया को बहाल करें।”
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