photo galleryदुनिया (International)देश (National)पर्यटनबहुत खूबब्रेकिंग न्यूज़मनोरंजन (Entertainment)युवागिरीराजनीतिराज्य (State)

“हमारे अंदर अगर सेवा भाव नहीं तो हम इंसान कहलाने लायक ही नहीं”

मेरी हैसियत नहीं है लेकिन अगर मैं सक्ष्म हुआ तो देश के जवानों के लिए जरूर करूँगा।-गौरव आनंद

👆भाषा ऊपर से चेंज करें

 

विश्व में भारत ने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। और इसके लिए हर भारतीय का किसी न किसी रूप में संघर्ष व योगदान रहा है। चाहे वह खेल,शिक्षा,स्वास्थ्य क्षेत्र और राजनीती ही क्यों ना हो, राजनीती में तो अमेरिका के राष्ट्रपति तक ने हमारे नेतायों का उत्साह बढ़ाया है। क्यूंकि हम,हमारा देश इस काबिल है। और भारत को इस मुकाम तक पहुचाने में हर भारतीय का किसी न किसी रूप में योगदान रहा है। इसमें कुछ चेहरे सामने आ जाते हैं, पर कुछ का संघर्ष जारी रहता है, बस देर है तो एक सुनहरा मौका मिलने की। आज हम ऐसे ही एक चेहरे गौरव आनंद से आप को रूबरू करवाते हैं जोकि पाण्डव नगर क्षेत्र ( नई दिल्ली ) की जनता के लाड़ले हैं।

                                      गौरव आनंद ने अपनी शिक्षा दिल्ली में पूरी की। वे बताते हैं कि मुझे बचपन से ही लोगों की मदद करने का शौंक था फिर मैंने हाउसकिपिंग के समान सप्लाई की नौकरी भी की, जिससे मुझे 5,500 रुपए मिलते थे। मेरे पिताजी सरकारी बैंक में नौकरी करते थे और वो भी मेरी सैलेरी से मुझे मेरे अनुसार खर्च करने की आज़ादी दे देते थे। मुझसे जो बनपाता, मैं कोशिश करता कि जरूरतमंदो के लिए कुछ कर सकूं। वो ही मुहीम मेरी आज भी जारी है। गौरव आगे बताते हैं की मैंने क्षेत्रिये नेतायों के साथ भी अपने इलाके की समस्याओं का स्माधान भी किया है।
                                      गौरव इसी लगन की वजह से भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के कॉलोनी एनिमल केयरटेकर मेंबर हैं व इन्ही की और से गौरव आनंद को कोरोना योद्धा के सर्टिफिकेट से भी नवाजा गया था। और उन्हें समय-समय पर उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए सम्मानित भी किया जाता रहा  है।, गौरव टाटा पॉवर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन के एमिनेंट मैम्बर हैं।, व अपने क्षेत्र थाना रंजीत नगर के मेंबर पुलिस मित्रा,दिल्ली पुलिस भी हैं। और साथ ही साथ “BELIEVES” नामक संस्था के अध्यक्ष व संस्थापक हैं। इस संस्था द्वारा स्कूली छात्र -छात्रायों को जरुरी स्टेशनरी बांटी जाती है। और कुछ आर्थिक रूप से जरुरतमंदो को राशन भी बांटा जाता है। कोरोना काल के समय जरुरतमंदो को भोजन बना कर बांटा गया।
                                   गौरव से संस्था के नाम के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि हमने ये नाम इस लिए रखा कि जो भी हमसे जुड़े, हमारे साथ हो या हम जिसकी भी मदद करें उसको हमारे ऊपर और हमारी संस्था पर पूरा विश्वास हो क्यूंकि “BELIEVES” का मतलब ही विश्वास होता है, और हमारी संस्था का तो स्लोगन ही ‘Believe’s way of Happyness’ है। मतलब कोई हम पर अगर विश्वास करता है तो हम उसे खुशियों भरे रास्ते पर ही लेकर जायेंगें। “हम वचनबद्ध हैं अपने दोस्तों से,बच्चों से, बुजर्गों से,अपने क्षेत्र और अपने देश से” और मेरा मुख्य उदेश्य है कि बच्चे और युवा वर्ग हमारे देश का भविष्य है जो मुझसे बन पाएगा वो मैं करूंगा और साथ ही एनवायरनमेंट (environment), ग्लोबल पीस (Global pis) ,बच्चों और सबसे अहम जो है किसानों के लिए जो बन सकता हो वो करूँगा,और गौरव का जनून देखिये आगे कहते हैं कि जवानों के लिए मेरी हैसियत नहीं है लेकिन अगर मैं सक्ष्म हुआ तो देश के जवानों के लिए जरूर करूँगा। ईश्वर मुझे इस लायक बनाये।
                           गौरव आनंद की बचपन से ही क्रिकेट खेलना, क्रिकेट मैच देखना और उनके पसंदीदा खिलाडी सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली रहे हैं। गौरव से उनके होश संभालने के बाद जिस प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का कार्यकाल उन्होंने देखा हो और सराहनीये लगा हो पूछे जाने पर तुरन्त बोल उठते हैं मेरे पसंदीदा नेता और प्रधानमंत्री हैं श्री नरेंद्र मोदी जी। और नेता  मुख्यमंत्री कैपटन अमरिन्दर सिंह पसंद हैं। वैसे उन्हें लाल बहादुर शास्त्री जी भी प्रेरणादायक लगते हैं। जैसा कि उन्होंने पढ़ा और बड़े बजुर्गों से सुना है।
भूपिंदर सिंह

Related Articles

Back to top button
Close