लोकतांत्रिकमूल्यों, सामाजिक दायित्वों के साथ-साथ संविधान के प्रति हम पूरी निष्ठा रखें, बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी-श्री राजनाथ सिंह
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केंद्रीय रक्षा मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ट नेता श्री राजनाथ सिंह ने आज भाजपा मुख्यालय में भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्चन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और इस अवसर पर उन्होंने पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को बाबा साहब से प्रेरणा लेकर सेवा और समर्पण भाव से मानवता की सेवा करने का संदेश दिया।
रक्षा मंत्री नेउपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही भारत की एकमात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती पर सारे देश भर में व्यापक स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंघ के समय से ही बाबा साहब की जन्म जयंती को ‘समरसता दिवस’ के रुप में हम मनाते आये हैं और आज भी भारतीय जनता पार्टी के रुप में कार्य करते हुए उनकी जन्म जयंती को सामान्यतः ‘समरसता दिवस’ के रुप में ही मनाते हैं. भारतीय जनता पार्टी बाबा साहब को कोई सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि वास्तव में उन्हें एक महानायक मानती है. हर युग किसी न किसी महानायक का निर्माण करता है, लेकिन बाबा साहब एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अपने कृत्यों से जीवन में आने वाली सारी बाधाओं को दूर करते हुए, पूरी साहस और दृढ़ता के साथ एक नए युग का निर्माण किया. वैसे सामान्यतः बाबा साहब की चर्चा एक संविधान निर्माता के रुप में ही होती है, लेकिन सच्चाई यही है कि बाबा साहब को सामाजिक समरसता के एक स्तम्भ दीप के रुप में देखा जाना चाहिए ताकि आगे आने वाली पीढियां उसी स्तम्भ दीप से प्रकाश और प्रेरणा प्राप्त करती रहें.
रक्षा मंत्री ने बाबा साहब के विचारों के प्रति भारतीय जनता पार्टी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी का मूलमंत्र है ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ और इस मंत्र के साथ हम अपनी पूरी श्रद्धा और प्रतिबद्धता बाबा साहब और उनके विचारों के प्रति व्यक्त करते हैं.
रक्षा मंत्री ने बाबा साहब के 22 दिसंबर, 1952 के भाषण, जिसका विषय था ‘आधुनिक लोकतंत्र की सफलता की पूर्व शर्तें ’ का जिक्र किया जिसमें बाबा साहब ने कहा है कि समाज में तीव्र असमानता नहीं होनी चाहिए, कोई वर्ग सताया हुआ नहीं होना चाहिए, कोई वर्ग दलित नहीं होना चाहिए, कोई ऐसा वर्ग नहीं होना चाहिए जो सर्वसुविधा संपन्न हो और कोई ऐसा भी वर्ग समाज में नहीं होना चाहिए जिसपर सारा बोझ डाल दिया जाए. माननीय रक्षा मंत्री ने कहा कि बाबा साहब के उपरोक्त विचारों के प्रति भारतीय जनता पार्टी और इसके कार्यकर्ताओं की आस्था और प्रतिबद्धता ही है जिससे प्रेरित होकर 2014 में, प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही माननीय नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि हमारी यह सरकार पूरी तरह से भारत के गरीबों के प्रति समर्पित सरकार है. देश के गरीब वर्ग की आर्थिक दशा सुधारने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं जिसकी एक लम्बी फेहरिस्त है- प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, अटल पेंशन योजना के अतिरिक्त, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना और शौचालय निर्माण जैसी अन्य कई योजनाएं देश के गरीब वर्ग की सामाजिक-आर्थिक दशा सुधारने के लिए ही लागू की गई है.
माननीय रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड पर एक पहल शुरु की ताकि देश के दलित और गरीब वर्ग विकास की दौड़ में पीछे न रह जाएं. इसके तहत, वर्ष 2024-25 तक, 500 से अधिक दलितों की आबादी वाले सभी 27,000 गाँवों की पहचान की गई है और ऐसे प्रत्येक गांव के सर्वांगीण विकास के लिए एक उचित योजना भी बनाई गई है. आज यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि ऐसे 10,000 गाँवों की रुपरेखा तैयार हो चुकी है और 7,000 से अधिक गाँवों के लिए धनराशि निर्गत भी हो चुकी है. आज देश में अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप करीब 4 करोड़ से ज्यादा बच्चों को प्राप्त हो रही है. यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, बाबा साहब के विचारों के प्रति जिस सरकार की आस्था होगी, वही यह कार्य कर सकती है.
माननीय रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद लंदन में, जहां बाबा साहब की पढ़ाई हुई, वहां पर उनका स्मारक बनाने के काम नरेंद्र मोदी सरकार ने किया. इसके अतिरिक्त, देश की राजधानी दिल्ली में 200 करोड़ से अधिक की धनराशि लगाकर आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर की भी स्थापना की गई. बाबा साहब की मुम्बई स्थित समाधी स्थल ‘चैत्य भूमि’ को भी स्मारक के रुप में परिवर्तित करने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने ही किया है.
माननीय रक्षा मंत्री ने बाबा साहब की उपलब्धियों और उनके योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि बाबा साहब को सिर्फ एक दलित समाज सुधारक के रुप में ही नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि उन्होंने कई बड़े बड़े कार्य किए जिससे समाज के गरीब वर्गों को सामाजिक-आर्थिक-क़ानूनी सुरक्षा मिल सके. समाज के कमजोर वर्ग के युवा रोजगार के अवसर तलाश सकें इसके लिए एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज जैसी संस्था स्थापित करने का विचार बाबा साहब ने ही दिया. ब्रिटिश काल में वायसराय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ऑन लेबर के सदस्य रूप में भीमराव आंबेडकर ने ही इस बात की वकालत की थी कि मजदूरों के कार्य की अवधि 14 घंटे की बजाए 8 घंटे की होनी चाहिए. महिला मजदूरों के अधिकार की लड़ाई भी उन्होंने लड़ी और इस संबंध में मैटरनिटी लीव एंड बेनिफिट फॉर वीमेन एंड चाइल्ड एंड लेबर प्रोटेक्शन एक्ट भी बाबा साहब के प्रयासों से पारित हुआ था. देश में श्रमिकों के कल्याण के लिए फैक्ट्री एक्ट के विचार की आधारशिला भी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने रखी और उन्हीं के प्रयासों से यह एक्ट पारित हुआ था. ईएसआई प्रारंभ कर श्रमिकों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा देने की पहल बाबा साहब ने ही की.
अपनी दूरद्रष्टि के कारण ही, सेंट्रल वाटरवेज इरीगेशन एंड नेविगशन कमीशन की भी नींव बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने रखी थी. रिवर वैली अथॉरिटी की भी कल्पना बाबा साहब की थी जिसका साकार स्वरूप आज दामोदर वैली प्रोजेक्ट और हीराकुंड बांध के रुप में देखने को मिल रहा है. संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रुप उनके योगदान की चर्चा तो होती ही है साथ ही, देश के अर्थतंत्र से जुड़ी दो संस्थाएं- रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया और वित्त आयोग की वैचारिक आधारशिला भी बाबा साहब ने ही रखी थी. अनुच्छेद 370 के अंतर्गत जम्मू कश्मीर को स्पेशल स्टेटस नहीं मिलना चाहिए, अन्य राज्यों की तरह जम्मू कश्मीर को भी दर्जा मिलना चाहिए, इसकी तीव्र वकालत भी बाबा साहब ने की थी. इस प्रकार, बाबा साहब के विविध कार्यों और उनके योगदान को देखते हुए उन्हें ‘आधुनिक भारत का वास्तुकार’ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. बाबा साहब महज एक सामान्य विचारक ही नहीं बल्कि एक महान दार्शनिक भी थे जिन्होंने समाज को दिशा और दृष्टि, दोनों देने का काम किया.
रक्षा मंत्री ने बाबा साहब के महान व्यक्तित्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बाबा साहब को केवल एक दलित आईकन के रुप में ही नहीं देखा जाना चाहिए. बाबा साहब के व्यक्तित्व के विभिन्न आयाम हैं और वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे. वे एक शानदार लेखक तो थे ही साथ ही, दुनिया के बड़े बड़े बुद्धिजीवियों में उनकी प्रतिष्ठा रही है. उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता थी कि वे सदैव अपनी जड़ों से जुड़े रहने वाले व्यक्ति थे. बाबा साहब के भाषणों और विचारों को दुनिया भर के बुद्धिजीवियों में मान्यता प्राप्त है. लोकतांत्रिक मूल्यों, सामाजिक दायित्वों के साथ साथ संविधान के प्रति यदि हम पूरी निष्ठा रखते हैं, तो यही बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
-भूपिंदर सिंह