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“बाहर ना निकल”

आज बाहर ना निकल....

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“बाहर ना निकल”
आज बाहर ना निकल….
बाहर यमदूत कई तैयार बैठे हैं।
जिन पर था, इंसान औऱ इंसानियत को बचाने का ज़िम्मा..
हुए उनमें कुछ गैरज़िम्मेदार बैठे हैं।
नेता बहुत होशियार बैठे हैं।
दवा तो दवा , हवा तक की,
कालाबाजारी को तैयार बैठे हैं।
आज ईश्वर ने भी ,इंसान को..
कुछ सबक देने की है ठानी।
लगी हैं शमशानों पर भी लाइनें
लोग अपने अपने इंतज़ार में बैठे है।
आज बाहर ना निकल..
बाहर यमदूत कई तैयार बैठे है
आज बाहर ना निकल।
-प्रवेश कुमार 

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