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पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चांदनी चौक की खूबसूरती बरकरार रखना जरूरी

चांदनी चौक में पहले की तरह वाहनों की भीड़ न हो और लोगों को सहूलियत मिले, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके- सत्येंद्र जैन

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पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने आवश्यक और इमरजेंसी सेवाओं के लिए एसओपी बनाने के निर्देश दिए

 

                               नई दिल्ली, 7 अप्रैल (कास.): सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा आगामी 17 अप्रैल को होने वाले उद्घाटन समारोह के मद्देनजर पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज चांदनी चौक में किए गए सौंदर्यीकरण कार्य की समीक्षा की। दिल्ली सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में पीडब्ल्यूडी, एमसीडी और दिल्ली पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चांदनी चौक की खूबसूरती बरकरार रखना जरूरी है। इसलिए नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए। चांदनी चौक में पहले की तरह वाहनों की भीड़ न हो और लोगों को सहूलियत मिले, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने इस संबंध में आवश्यक और इमरजेंसी सेवाओं के लिए एसओपी बनाने के निर्देश दिए।

सत्येंद्र जैन ने लालकिला से फतेपुरी मस्जिद तक पुनर्विकसित की गई चांदनी चौक की सड़क पर पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सड़क पर लगाई गईं स्ट्रीट लाइट की रौशनी कम है। कम रौशन होने से लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा होती है। उन्होंने स्ट्रीट पर अधिक रौशनी देने वाले एलइडी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्ट्रीट पर उचाई वाले पौधे लगाने का सुझाव दिया, ताकि दुकानदारों को भी कोई दिक्कत न हो। अधिकारियों ने बताया कि चांदनी चौक को लालकिला से गुरुद्वारा, गुरुद्वारा से टाउन हॉल, टाउन हॉल से बल्लीमारान और बल्लीमारान से फतेपुरी मस्जिद तक चार चरणों में विकसित किया गया है।

 

 

चांदनी चौक की पुनर्विकसित की गई सड़क पर सिर्फ मैनुअल रिक्शा ही चलने की अनुमति रहेगी। इस एरिया में चलने वाले मैनुअल रिक्शा को चिंहित कर नियमित किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए रिक्शों की कलर कोडिंग की जाएगी और उन्हें एक बैच दिया जाएगा, ताकि अनाधिकृत रिक्शा इस एरिया में न प्रवेश कर पाएं। इन्हीं रिक्शों पर ही दुकानदार अपने सामान को लेकर आ-जा सकते हैं। यह रिक्शे इस तरह संचालित किए जाएंगे, ताकि वे एक-दूसरे को ओवरटेक न करें। किसी रिक्शा को सामान उतारना है या लादना है, तो उसके लिए बगल में जगह दी जाएगी, ताकि जाम न लगे।

पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों के साथ चांदनी चौक में किए गए सौंदर्यीकरण कार्य की समीक्षा की

चांदनी चौक की इस सड़क पर दिन में मोटर व्हीकल्स के प्रवेश पर रोक है। कोई मोटर व्हीकल्स प्रतिबंधित एरिया में प्रवेश न कर पाएं, इसके लिए बैरियर लगाए जा रहे हैं। साथ ही, जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि ऐसे वाहनों का चलाना किया जा सके। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने प्रतिबंधित एरिया में प्रवेश करने वाले मोटर व्हीकल्स के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री से 166 सिविल डिफेंस वाॅलेंटियर की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उनके पास मैन पॉवर की कमी है, इसलिए जब तक कैमरा चालू नहीं होते हैं, तब तक के लिए उन्हें मदद के लिए कुछ लोगों की जरूरत है। मंत्री ने पीडब्ल्यूडी विभाग को दो महीने के लिए 75 वाॅलेंटियर देने के निर्देश दिए हैं।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि चांदनी चौक ऐतिहासिक स्थल है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे खूबसूरत बनाया गया है और इसकी खूबसूरती को बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि चांदनी चौक में पहले जैसी स्थिति न बन पाए। उन्होंने कहा कि अब हर कोई चांदनी चौक की खूबसूरती को देखने के लिए आना चाहेगा। अगर पहले की तरह ही वाहनों की भीड़ रहेगी और लोगों को सहूलियत नहीं मिलेगी, तो फिर चांदनी चौक की छवि धूमिल होगी और दोबारा छवि को वापस पाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन कराने की पूरी जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की ही है। स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी होगी कि वो प्रतिबंधित एरिया में मोटर व्हीकल्स के प्रवेश पर पाबंदी लगाए। शुरूआत में बहुत से लोग ऐसे भी मिलेंगे, जो जानबूझ कर मोटर व्हीकल्स लेकर जाने का प्रयास करेंगे। हमें शुरूआत से ही सख्ती बरतने की जरूरत है। अगर हम शुरूआत से ही एक-दो महीने तक सख्ती कर देंगे, तो फिर लोग नियमों का पालन करना शुरू कर देंगे।

 

लालकिला से फतेपुरी मस्जिद तक की एरिया में आवश्यक और इमरजेंसी सेवाएं देने वाले वाहनों के आवागमन की अनुमति रहेगी। जैसे- एंबुलेंस, फाॅगिंग करने वाली गाड़ी, पुलिस की गाड़ी, बैंक की कैश वैन और सिक्युरिटी वैन आदि को अनुमति रहेगी। सड़क की सफाई सुबह 9 बजे से पहले कर दी जाएगी। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने आवश्यक और इमरजेंसी सेवाओं के लिए एसओपी बनाने के निर्देश दिए। किसी आवश्यक मरम्मत कार्य आदि के लिए स्थानीय प्रशासन से प्रतिदिन के आधार पर अनुमति लेनी होगी।

 

चांदनी चौक प्रोजेक्ट और विशेषताएं – एक नजर में-

 

डिजाइन प्लान के मुताबिक, सड़क के सेंट्रल मध्य की चौड़ाई 3.5 मीटर है। स्ट्रीट लाइट आदि को विद्युत आपूर्ति के लिए 18 ट्रांसफार्मर पहले से ही लगे हुए हैं। सड़क के कैरिजवे की चौड़ाई 5.5 मीटर है। नाॅन मोटराइज्ड व्हीकल्स के लिए सड़क के दोनों तरफ 5 से 10 मीटर चौड़ा फुटपाथ बनाया गया है। उत्तर दिशा की तरफ कैरिजवे 5.5 मीटर चौड़ा है और फुटपाथ 5 से 10 मीटर चौड़ा बनाया गया है। सेंट्रल मध्य की चौड़ाई 3.5 मीटर है। वहीं, दक्षिण दिशा की तरफ कैरिजवे 5.5 मीटर चौड़ा है और फुटपाथ 5.5 से 11.5 मीटर चौड़ा है। साथ ही सड़क के दोनों तरफ 2.5 मीटर का फुटपाथ भी है। यहां बुजुर्गों की सुविधा के लिए फ्री इलेक्ट्रिक वाइकल भी चलाया जाएगा। यह सड़क लालकिला से फतेपुरी मस्जिद तक विकसित की गई है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 99 करोड़ रुपए खर्च किया गया है।  एक दिसंबर 2018 को प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था और 31 मार्च 2020 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे पूरा करने में एक साल की देर हुई है।

 

चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण के दौरान आई चुनौतियों को भी किया पार

 

चांदनी चौक बाजार क्षेत्र होने के बावजूद पुनर्विकास के दौरान पुरानी पाइप लाइनों को पानी के कनेक्शन के लिए नए सीवरेज से बदल दिया गया है, जबकि मौजूदा सीवरेज नेटवर्क को आंतरिक सतह को साफ और रिले करके बहाल किया गया है। इसके अलावा, सड़क के फायर हाइड्रेंट के लिए एक समर्पित जल लाइन बिछाई गई है, ताकि सड़क के दोनों ओर बहुत भीड़ भाड़ वाले और दुर्गम बाजारों के अंदर आग के खतरों को कम किया जा सके। यह ढांचागत सुधार इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस वर्ष जल-जमाव की क्षेत्र से कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। इसमें न केवल स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण किया गया है, बल्कि प्लास्टिक या कचरे के साथ नालियों के अवरुद्ध होने से बचने के लिए दोनों ओर तश्तरी जल निकासी के साथ पूरे खंड में ढलान पर विशेष बल दिया गया है।

 

चांदनी चौक को स्ट्रीट फूड का हब मानते हुए पूरे खंड में आइजीएल की गैस पाइपलाइन बिछाई गई है, ताकि इन फूड जॉइंट्स में सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। विभिन्न अदालतों की न्यायिक घोषणाओं के कारण हॉकिंग के लिए निषिद्ध क्षेत्र में वेंडिंग जोन की कोई योजना नहीं है। पुनर्विकास प्रोजेक्ट के लिए बड़ी चुनौती पानी की पाइपलाइनों, बिजली के तारों आदि  की भूमिगत/शिफ्टिंग भी थी।

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