धर्म/समाजमेरे अलफ़ाज़/कविता
नव संवत्सर, नव वर्ष, नवरात्रि, रमजान और वैसाखी के पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं…..
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इसे संयोग कहें या प्रकृति या परमपिता परमात्मा का अनुपम उपहार कि आज १३ अप्रैल, २०२१ को यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भारतीय हिंदू नव वर्ष, नव संवतसर, विक्रम संवत् २०७८ की मंगलमयी शुरूआत हो रही है, शक्ति की आराध्या मां दुर्गा की पूजा नवरात्रि के पावन पर्व की भी शुरूआत हो रही है, वहीं अल्लाह के करम से पवित्र रमजा़न के पाक महीने की शुरूआत भी हो रही है, वहीं वाहे गुरूजी दी मेहर से प्रकृति पर्व वैसाखी का एक साथ एक ही दिन होना, विलक्षण संयोग ही है और संपूर्ण मानवता के लिए यह संदेश भी कि हम सब विभिन्न भाषा भाषी, धर्मावलम्बी, संप्रदायों के अनुयायी भारतीय सभी धर्मों का सम्मान करते हुए समृद्ध और खुशहाल जीवन की ओर अग्रसर हों। यही वैसाखी के इस पर्व का संदेश भी है। नव संवत्सर, मां दुर्गा के पूजन के पर्व नवरात्र, रमजान के पाक महीने की शुरूआत और वैसाखी का पर्व का यह संयोग इस बात का साक्षी भी है और अवसर भी कि आज हम संकल्प लें कि अब हम सब एक्यबद्ध हो, मानवता के कल्याण हेतु जुट जायेंगे। यह इस संयोग, अवसर या पर्व का पाथेय है, संदेश है, मूलमंत्र है।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं पर्यावरणविद हैं।