तकनीकी कौशल ही भारत को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाएगा-डॉ.विपिन कुमार
जितने लोग अधिक तकनीकी कौशल प्राप्त करेंगे उतने ही गतिशीलता अर्थव्यवस्था में आएगी
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इंटीग्रेटेड इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन रिसोर्स (आईआईएचआर) के अध्यक्ष डॉ विपिन कुमार तथा प्रमुख समाजसेवी व उत्प्रेरक वक्ता दीपक ठाकुर ने संयुक्त रूप से टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कॉन्क्लेव के कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया l
अध्यक्षीय भाषण में डॉ विपिन कुमार ने कहा कि तकनीकी कौशल और इसका अधिकाधिक उपयोग भारत को आर्थिक सुपरपावर बनाएगा साथ ही डॉ विपिन कुमार ने कहा कि अब तो भारत के किसान भी डिजिटल इंडिया के माध्यम से अपने उत्पादकों को देश के विभिन्न भागों में जहां उचित दाम मिले वहां पर बेच पा रहे हैं l एक उत्प्रेरक वक्ता होने के साथ-साथ दीपक ठाकुर भाजपा किसान मोर्चा के गुजरात प्रभारी भी हैं, उन्होंने कहा है कि भारतवर्ष तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और इस क्रम में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका तकनीक की है l भारत में औद्योगिक क्रांति नहीं होने के कारण भारत विकसित देशों से 100 वर्ष पीछे चला गया l पर अब भारत केआत्मनिर्भर होने के क्रम में जो सबसे अहम कड़ी है वह है तकनीकी अभिग्रहण की, जितने लोग अधिक तकनीकी कौशल प्राप्त करेंगे उतने ही गतिशीलता अर्थव्यवस्था में आएगी. दीपक ठाकुर ने कहा कि आज का युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स का है और इन्हें अपनाकर भारत पुनः विश्व गुरु बन सकता है. सिलीकान वैली भारतीयों के कौशल से ही विश्व पर राज कर रही है तो फिर भारत ही उसका केंद्र क्यों ना बने? प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी स्वयं टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हैं और उन्होंने इसे अस्त्र बनाया है. भारत में औद्योगिक क्रांति ना होने के कारण 100 वर्ष पीछे जाने को पलट कर हमें 100 वर्ष आगे ले जाना है तथा भारत को विश्व पटल पर स्थापित करना है. भारत में 1000 वर्ष पहले सुश्रुत ब्रेन सर्जरी करते थे, आईवीएफ जैसी कोई टेक्नोलॉजी होगी जिससे गांधारी के सौ पुत्र हुए. दीपक ठाकुर ने आईआईएचआर के अध्यक्ष डॉ विपिन कुमार को एकाग्र, सकारात्मक, सामाजिक व् क्रांतिकारी बताया और कहा कि डॉ कुमार ने सदैव कौशल युक्त और आत्मनिर्भर भारत बनाने की अपनी जागरूकता मुहिम जारी रखी है जिस कारण व विशेष तौर पर बधाई के पात्र हैं. इस अवसर पर प्रमुख शिक्षाविद डॉ रंजन त्रिवेदी व यूएन हैबिटेट के वरिष्ठ सलाहकर्ता डॉ मार्कंडेय राय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए तकनीकी कौशल को अहम बताया जो भारत को विश्व की पांच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में लाएगा. इस कार्यक्रम में विषय प्रवेश को दान प्रकाश ने कराया और धन्यवाद ज्ञापन राहुल देव ने किया l