जीवन की छोटी-छोटी खुशियां……
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जीवन में हम अक्सर खुशियों का इन्तजार करते रहते हैं लेकिन छोटी-छोटी खुशीयाँ हमें कहीं पर भी और कभी भी मिल जाती हैं जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं, जबकि वो तो हमारे आस पास ही होती हैं और चेहरे पर एक चमक छोड़ जाती हैं।
जीवन की छोटी-छोटी खुशियां
जीवन की छोटी-छोटी खुशियां हैं,
किसी की मुस्कुराहट में।
किसी का हो जब इन्तज़ार,
उसके आने की आहट में।
कड़क सर्दी में किसी गरीब की,
खुशियां लिपटी चादर में।
छोटे के संग हंसी ठिठोली,
और बड़ों के आदर में।
किसी की खुशियां हैं साईकिल में,
और किसी की कार में।
किसी को खुशी है मिलने पर सीट,
बस की भीड़ भाड़ में।
कोई लेता है मज़ा रूठने में,
और कोई किसी को मनाने में।
क्यों वक्त करे बरबाद हम,
समझने में और समझाने में।
शायद यही है ज़िदगी की असली खुशियां,
कोई इन्हे समझ पाए गर जमाने में।
जीवन की छोटी-छोटी खुशियां हैं,
किसी की मुस्कुराहट में।
किसी का हो जब इन्तज़ार,
उसके आने की आहट में।
वन्दना हेमराज सोनावणे