गौशालाओं को गौ उत्पादों के निर्माण के लिए आधुनिक व वैज्ञानिक पद्धतियों का समावेश करने की जरुरत- रुपाला
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नई दिल्ली: हर साल पूरी दुनिया में 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस मनाया जाता है । ऐसे में आज यह दिन मनाया जा रहा है । विश्वई पशु दिवस दरअसल पशु अधिकार का एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्यं जानवरों के कल्या ण के लिए बेहतर मानक तय करना है और पर्यावरण में उनके महत्वस के प्रति लोगों को जागरुक करना है । इस दिन को एनिमल्सर लवर्स डे के नाम से भी मनाया जाता है ।
विश्व पशु दिवस को 4 अक्टूलबर के दिन मनाए जाने के पीछे दरअसल जाने माने जानवरों के संरक्षक सेंट फ्रांसिस को सम्मा न देना था । 24 मार्च 1925 को जर्मनी के बर्लिन स्पोर्ट पैलेस में पहला विश्व पशु दिवस सिनोलॉजिस्ट और पशु संरक्षण कार्यकर्ता हेनरिक ज़िमरमैन द्वारा मनाया गया था।
विश्व पशु दिवस के अवसर पर केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने हरियाणा के गुरुग्राम स्थित कामधेनु गौशाला का निरीक्षण कर गो-सेवा का लाभ लिया। इसके साथ ही रुपाला ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एक “वेब पोर्टल” का शुभारंभ भी किया।
केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने युवा पीढ़ी को पशुपालन और गौशाला के रख रखाव की ओर आकर्षित करने एवं इसे उद्यम के रूप में अपनाने हेतु आवाहन किया। साथ ही गौशालाओं को गौ उत्पादों के निर्माण के लिए आधुनिक व वैज्ञानिक पद्धतियों का समावेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। मनुष्य जीवन का लक्ष्य है धर्म अर्थ काम और मोक्ष की प्राप्ति। लेकिन इन सबकी प्राप्ति इस कलियुग में सहज रूप से केवल गौ से ही सम्भव है।
केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने आगे कहा कि गोमय लक्ष्मी गणेश की मूर्ति से घर-घर में दीपावली पूजन सुनिश्चित करने के लिए कामधेनु दीपावली 2021 अभियान शुरू किया गया है। भारत के सभी राज्यों में इसके लिए बैठक और प्रशिक्षण का कार्यक्रम आरम्भ कर दिया गया है।
गौपालक और गौ-उद्यमियों द्वारा बनाये गए गोमय दीये, चाइनीज और केमिकल्स युक्त हानिकारक दीयों से बचाएंगे। इको फ्रेंडली दीयों का प्रयोग बढ़ेगा। पिछले वर्ष करोड़ों गोमय दीये भारत से सभी राज्यों में बनाये गए थे। इस बार कामधेनु दीपावली को और बड़े पैमाने पर मनाने का निश्चय किया गया। हजारों गाय आधारित उद्यमियों को व्यवसाय के अवसर पैदा करने के अलावा गाय के गोबर से बने उत्पादों के उपयोग से स्वच्छ वातावरण भी मिलेगा। यह गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
चीन निर्मित दीयों का पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करके यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया की परिकल्पना और अभियान को बढ़ावा देगा और पर्यावरणीय क्षति को कम करते हुए स्वदेशी आंदोलन को भी प्रोत्साहन देगा।