कृषि मंत्रालय ने क्रॉप कटिंग एक्सपेरीमेंट्स करनेके लिए लीड्स कनेक्ट सर्विसेज को चुना
ग्राम पंचायत स्तरीय अनुमानित उपज का व्यापक स्तर पर अध्ययन होगा
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कृषि मंत्रालय के कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने देशभर के 100 जिलों में क्रॉप कटिंग एक्सपेरीमेंट्स (सीसीई) करने के लिए नोएडा की कंपनी लीड्सकनेक्ट सर्विसेज व दो अन्य स्वतंत्र एजेंसियों को नियुक्त किया है। यह परियोजना भारत सरकार की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीबाई) का अंग है। इसके अंतर्गत एजेंसी तकनीक आधारित ग्राम पंचायत स्तरीय अनुमानित उपज के लिए व्यापक स्तर पर प्रायोगिक अध्ययन करेगी।
लीड्स कनेक्ट अपनी रिमोट सेंसिंग और जीआईएस, आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) और आंकड़ा विश्लेषण फ्रेमवर्क जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा की गई सीसीई का सह-निरीक्षण करेगी। लीड्सकनेक्ट इसके अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुल 25 जिलों की ग्राम पंचायतों में गेहूं की अतिरिक्त सीसीई करेगी। यह प्रायोगिक अध्ययन 2021 के खरीफ के सत्र से 200 जिलों तक बढ़ाई जा सकती है, जो भारत सरकार की उस पहल का हिस्सा है जिसमें पीएमएफबीआई के अंतर्गत उपज का उचित अनुमान और समय पर क्लेम सेटलमेंट करने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाता है।
इस अवसर पर लीड्स कनेक्ट के चेयरमैन नवनीत रविकर ने कहा, यह पारंपरिक संख्या आधारित सीसीई डाटा कलेक्शन और उपग्रह रिमोट सेंसिंग तकनीक आधारित स्मार्ट सेंपलिंग कार्यप्रणाली का स्मार्ट समिश्रण होगा। इसकी प्रबल संभावना है कि भविष्य में नई कार्यप्रणाली पारंपरिक विधि की जगह ले लेगी और उपज के बेहतर अनुमान के मॉडल या सिस्टम के साथ सेंपलिंग पॉइंट्स की संख्या कम कर देगी।